मानवाधिकारों का न हो उल्लंघन- न्यायाधीश अनिल चौहान

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को अपने मानवाधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए साथ ही अन्य के मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो इस बात का भी ध्यान रखे। अपने कर्तव्य के प्रति उतने ही सजग रहे जितने अधिकारो के प्रति। उक्त बात तहसील विधिक सेवा समिती के अध्यक्ष व्यवहार न्यायाधीश अनिल चौहान ने मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में ‘मानवाधिकार एवं उसके क्रियान्वयन में नागरिको की भूमिका’ विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं व सहभागियो को कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह व विधिक साक्षरता शिविर को संबोधित करते हुए कही। अभिभाषक संघ के उपाध्यक्ष निलेशसिंह कुशवाह ने मानवाधिकार, उनके उल्लंघन व उपचार के बारे में बताते हुए कहा कि विधि हमारी दैनिक जीवन शैली का हिस्सा है तथा हर कार्य विधिसम्मत करना विधि का पालन व उससे परे जाकर किया गया। कार्य अपराध की श्रेणी में आता है। अभिभाषक मनोज पुरोहित ने मानवाधिकारों व संवैधानिक प्रावधानों की जानकारी दी। व्यवहार न्यायाधीश अनिल चौहान ने व अभिभाषकों ने निबंध प्रतियोगिता के विजेताओ को पुरस्कार वितरण भी किए। इस अवसर पर निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियो ने भी अपनी बात रखी। निबंध प्रतियोगिता में विजेताओं दिव्यानी गोपाल राठौर ने प्रथम, इशा विनोद डामोर ने द्वितीय, शिवानी दिनेश मालवी ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया साथ ही महाविद्यालय में आयोजीत प्रतियोगिता में पूजा बैरागी ने प्रथम, प्रभात हटिला ने द्वितीय तथा पंकज मालवीया ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। समारोह का संचालन लता असोलिया ने किया व आभार प्राचार्य देवेन्द्र प्रसाद ने माना इस अवसर पर शिक्षकगण वर्षा राठौर, विकास मुलेवा, बाबूलाल चौहान, निर्मला कौशिक, निलोफर शेख, विजय बारिया, कविता मेहना, महेश शर्मा व न्यायालयीन कर्मचारी जीएल देवडा, माधव राठौर आदि उपस्थित थे। समारोह के अंत में न्यायाधीश अनिल चौहान ने विद्यालय परिसर में शिक्षकों के साथ पौधा भी रोपा।

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