झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट- थांदला से किमी दूर ग्राम चैनपुरी स्थित माता मरियम मंदिर प्रांगण में दुखियों की मां मरियम का पर्व धूमधाम से मनाया गया। मिशन स्कूल थांदला प्रांगण से जुलूस गीत, भजन, प्रार्थना के साथ ढ़ोल-मांदल से नृत्यु करते हुए चैनपुरी माता मरियम प्रांगण पहुंचा, जहां मिस्सा पूजा समारोह सम्पन्न हुआ। पवित्र मिस्सा के मुख्य याजक बिशप डॉ. देवप्रसाद गणावा एवं मुख्य प्रवचक बिशप डॉ. बसील भूरिया थे। बिशप देवप्रसाद गणावा ने कहा कि मनुष्य को मां सबसे प्यारी और विश्वसनीय तथा हरेक की आवष्यकता को पूर्ण करने वाली मां होती है। अगर सांसारिक मां हमारी इतना ख्याल रखती है तो माता मरियम स्वर्ग की मां है, वह हमें इससे अधिक प्यार करती है। शर्त है कि हम सरल हृदय से उसके पास जाए। मुख्य प्रवचक बिशप डॉ. बसील भूरिया ने कहा कि चैनपुरी माता मरियम का पर्व मनाया जा रहा है। यह वह ऐतिहासिक स्थान है, जहां 112 वर्ष पहले इस क्षेत्र में भयंकर अकाल तथा हेजे जैसी महामारी फैली थी, जहां तहां लोग मरे पड़े थे, लोग अपनी-अपनी जान बचाकर अपने रिश्तेदारों को मरे हुए छोड़कर भाग रहे थे, तब फादर चाल्र्स कपूचिन जो कि 1896 से थांदला में कार्य कर रहे थे शवों का अंतिम संस्कार करते हुए तथा बीमारो का इलाज कर रहे थे। तब इसी हेजे जैसी बीमारी फादर चाल्र्स को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया तो उन्होंने माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा ईश्वर से प्रार्थना की कि हे ईश्वरीय मां अगर यह बीमारी इस क्षेत्र से चली जाती है तो चैनपुरी स्थित डूंगरी पर तेरे मंदिर का निर्माण करूंगा, तब धीरे-धीरे बीमारी लुप्त हो गई और इसी की याद में भव्य समारोह मनाते आ रहे है। हर जाति-धर्म के माता के प्रति आस्था लेकर आते है और झोली भरकर मां की आशीष पाते है। इसी फादर चाल्र्स द्वारा स्थापित विश्वास में हम अपना जीवन बिता रहे है। बिशप बसील भूरिया ने यह पर्व मां, बेटी, बहनों के नाम समर्पित किया है। कैथोलिक चर्च के संचालक फादर कासमीर डामोर ने आए समस्त अतिथियों का स्वागत किया। मिस्सा पूजा में 45 पुरोहितों ने भाग लिया, जो कि उदयपुर, इंदौर व झाबुआ डायसिस से आए थे। बाईबिल पाठ का वाचन मुकेश भूरिया ने तथा सिस्टर ज्योति मकवाना किया। मिस्सा पूजा के दौरान राजेन्द्र बारिया एवं उनके दल ने सुमधूर गीतों की प्रस्तुति दी। अनेक समितियां जिन्होने आगे आकर समारोह को सफल बनाया। जैसे जल व्यवस्था, समतलीकरण, सौंदर्यीकरण, प्रसाद वितरण, साउंड सिस्टम, बैठक व्यवस्था हेतु सभी दानदाताओं ने सहयोग प्रदान किया। उदयपुर डाससिस के वीजी फादर अंदरू भूरिया एवं झाबुआ डायसिस के वीजी फादर पीटर खराड़ी तथा दोनो सहायक पुरोहित फादर बसंत एका, फादर वीरेन्द्र भूरिया ने समारोह में भाग लेकर सहयोग प्रदान किया। पुलिस प्रषासन ने सुरक्षा के समूचित प्रबंध किये गये। कार्यक्रम का संचालन फादर बसंत एका व विनोद धानक द्वारा किया गया तथा आभार सदभावना समिति के सचिव पीटर बबेरिया द्वारा व्यक्त किया गया। उक्त जानकारी पीआरओ रॉकी शाह ने दी।
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