झाबुआ। जिले में आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत अनीतिगत किए गए स्थानांतरणों का विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया एवं उनके सदस्यों द्वारा किया गया है। भूरिया ने आरोप लगाया है कि उक्त स्थानांतरण में भारी राशि का लेन-देन हुआ है तथा शासन की नीति का पालन भी सहीं ढ़ंग से नहीं किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा स्थानांतरण नीति की तिथि निर्धारित की गई, उसकी अवधि निकलने के पश्चात इतने दिनों के बाद किए गए स्थानांतरण में भ्रष्टाचार एवं बदले की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहीं है तथा भाजपा के नेताओं एवं दलालों ने इसमें भारी पैसों की बंदरबाट की है।आरोप लगाते हुए भूरिया ने आगे बताया कि जब-जब स्थानांतरण नीति आती है, पहले से ही भाजपा नेताओं एवं दलालों की पौ बारह हो जाती है। स्थानांतरण की तिथि निकलने के पश्चात किए गए आदिवासी विकास विभाग के स्थानांतरण में राजनीति एवं भ्रष्टाचार की बू आ रही है, स्थानांतरण में शासन की नीतियों को नजर अंदाज किया गया है तथा मनमर्जी खुश करने के लिए अनीतिगत स्थानांतरण किए गए है।
महिलाआ को करना पड़ेगा परेशानियों का सामना
जिला पंचायत पदाधिकारीयों ने बताया कि उक्त स्थानांतरण में ग्रामीण शालाओं को रिक्त कर शहरी क्षेत्रों की शालाओं में पद भरे गए है तथा भाजपा नेताओं एवं उनके दलालों ने इसमे भारी राशि का लेन-देन किया है। विभाग ने महिलों को सुदुर ग्रामीण क्षेत्र में स्थानांतरण किया गया है, जिससे महिलाओं को काफी कठिनाईयों का सामना करना पडे़गा एवं उन्हें अपने परिवार से दूर रहना पड़ेगा। दूसरी ओर जिन शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए स्वेच्छा से अपना आवेदन दिया था, उनकी ओर कोई ध्यान प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया। जिससे ऐसे शिक्षकों में भारी नाराजगी है।
भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है
साथ ही संविदा शिक्षकों के भी युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्थानानतण किए गए है, जबकि शासन द्वारा रिक्त पदों पर उनकी नियुक्ति की गई थी। फिर उन्हे अधिक्य कैसे बताए गए, जबकि युक्तियुकरण स्थान से हटाए गए कर्मियों के स्थान पर स्थानांतरण कर स्थान भरे गए है। युक्तियुक्तकरण का नियम उसी संकुल में करने का है, किन्तु विभाग द्वारा उनके ब्लाॅक बदल दिए गए है। महिलाओं के प्रशासकीय स्थानांतरण में स्थान का ध्यान नहीं रखा गया है तथा महिलाओं के सुदुर ग्रामीण इलाके में स्थानांतरण कर दिए गए है। जिससे कभी भी किसी प्रकार की घटना उनके साथ होती है तो जिला प्रशासन एवं आदिवासी विकास विभाग इसका जिम्मेदार रहेगा।
इन्होंने जताया विरोध
सुश्री भूरिया के साथ जिला पंचायत उपाध्यक्ष चन्द्रवीरसिंह राठौर, सदस्यगण अकमालसिंह ,कलावती गेहलोद, शांति राजेश डामोर, संता तेरसिंह, शारदा अमरसिंह, रूपसिंह डामोर सहित जनपद पंचायत अध्यक्ष गेंदाल डामोर एवं गीता शंकरसिंह भूरिया आदि ने आदिवासी विकास विभाग में किए गए स्थानांतरण का विरोध किया है तथा प्रशासन एवं आदिवासी विकास विभाग से मांग की है कि अनीतिगत स्थानांतरण तत्काल निरस्त किए जाए।
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