भंडारे के नाम पर हो रहा मां अन्नपूर्णा का अपमान

May

mainlogoझाबुआ। पेटलावद मे चल रहे मां कनकेश्वरी देवी के कार्यक्रम मे प्रतिदिन भण्डारे का आयोजन किया जा रहा है। भंडारे के पश्चात जो खाना व दाल-सब्जी बच जाती है उसे नाले मे फेकी जा रही है। आयोजक अगर चाहते तो यह खाना किसी पशु का भोजन बन सकता था। आयोजकों के द्वारा जो नाले में दाल-सब्जी डाली गई है वहां से मात्र 5 मिनट की दूरी पर गोशाला है किंतु आयोजकां द्वारा इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है वे केवल इस प्रकार के आयोजन से अपनी तथा पीछे से की जा रही राजनीतिक लोगो की कटपुथली बन कर कार्य कर रहें है। उन्हें वहां से जो निर्देश प्राप्त होेते है वही कार्य करते है। वे ना तो कथा सुनने व सुनाने का कोई ओर ध्यान देते है वे केवल राजनीतिक हितों को साधने में ही लगे हुए है। उक्त आरोप जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता, कार्यवाहक अध्यक्ष कलावती भूरिया, युवा नेता डाॅ. विक्रांत भुरिया, ब्लाॅक कांग्रेस अध्यक्ष पेटलावद मन्नालाल हामड, शहर कांग्रेस अध्यक्ष पेटलावद जीवन ठाकुर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रवीरसिंह राठौर आदि ने लगाया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जहां देश में दालों के भाव आसमान छु रहें है, सब्जियों के भाव भी चरम-सीमा पर है। जो दाल गरीबों का पेट भरती थी आज उसी दालों को नाले में फेंक कर कठपुतली बने आयोजक क्या सिद्व कर रहें है। वपेटलावद की जनता भी यह सब देख रही है। जिस हिसाब से भंडारें में खाना बनाया जा रहा है उस हिसाब से पांडाल में श्रोता उपस्थित नहीं हो रहें है। आयोजक तथा पीछे से रिमोट कंट्रोल के रूप में कार्य कर रहे स्वार्थी अपनी स्वार्थ सिद्वी के लिए अन्य जगहों से लोगों को लाकर पांडाल भर कर अपनी शाख बचाने में लगे हैं। भंडारे के नाम पर आयोजकों द्वारा जश्न मनाया जा रहा है। वहीं पेटलावद में हुए ब्लास्ट से पीडित परिवार अभी तक सहमें हुए है। उन्हे तो अभी सादा भोजन खाना भी अच्छा नहीं लग रहा है।