ब्लास्ट पीडि़तों ने शिविर में बताई समस्याएं-सरकारी लापरवाही से हुआ नरसंहार

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
मुझ से सेटिंग कर लो अच्छी नौकरी पर लगा दूंगा। ब्लास्ट पीडि़त महिला ने यह बात ब्लास्ट पीडि़तों की समस्या सुनने आए जिला स्तरीय दल के सामने रखी और रोते हुए अपनी आप बीती सुनाई। महिला ने आवेदन में स्पष्ट उल्लेख किया कि प्राचार्य ने संबंध बनाने का कह कर नउकरी का समय कम करने की बात कहीं है। ब्लास्ट पीडि़त उक्त महिला छात्रावास में रसोईयन के पद पर पदस्थ है। सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक नौकरी का समय है। महिला का कहना है कि यदि इतने समय नौकरी करूंगी तो अपनी छोटी बच्चे और बच्चे पर ध्यान कब दूंगी। जिसके लिए मंैने सुबह 10 से 5 तक की नौकरी की मांग की तो इस प्रकार अधिकारी मेरा स्वाभिमान छीन कर नौकरी करने को कहते है। शनिवार को जिला स्तरीय अधिकारियों ने ब्लास्ट पीडि़तों की समस्या निराकरण के लिए स्थानीय विश्राम गृह पर एक शिविर का आयोजन किया, जिसमें अपर कलेक्टर एसपीसिंह और जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जमना भीडे ने पीडि़तों के आवेदन लिए.
शिविर बना औपचारिकता-
शिविर में आए पीडि़त परिजनों ने इस शिविर को मात्र औपचारिकता बताया क्योंकि केवल समस्या के आवेदन लिए जा रहे थे। पीडि़तों का कहना है कि यह तो पहले भी कई बार हो चुका है कि समस्या के आवेदन लिए गए है इससे क्या होता है। बार बार अधिकारी आते है और आवेदन ले कर चले जाते है. पर निराकरण कुछ नहीं होता है। इस शिविर को समस्या निराकरण शिविर नाम दिया गया किंतु एक भी समस्या का निराकरण नहीं किया गया। आखिर सरकार पीडि़तों के साथ बार बार मचाक क्यों कर रही है।
युवक को चक्कर आए बेहोश हो गया.
ब्लास्ट में अपने भाई की मृत्यु के बाद दो वर्ष से युवक कमलेश बाबुलाल गुर्जर नउकरी के लिए भटक रहा है किंतु नउकरी नहीं मिल रही है. शनिवार को बीमार होने के बावजूद शिविर में आवेदन देने आया लंबा इंतजार युवक सहन नहीं कर पाया और कुर्सी पर बैठे बैठे ही चक्कर आने से जमीन पर गिर गया, आसपास खड़े लोगों ने मदद की और डॉक्टर चोयल को बुलवाया उन्होंने उसका प्राथमिक उपचार कर उसे कुछ देर एक कमरे में लेटाया तब कहीं जाकर स्थिति सामान्य हुई।
नौकरी की समस्याओं को लेकर कई आवेदन.
सर्वाधिक समस्या नौकरी को लेकर रही। आवेदकों ने मुख्यमंत्री के वादे के अनुसार स्थाई नौकरी की मांग की है। इसके साथ ही कई लोगों ने बैंकों से ऋ ण दिलवाने और मृतकों द्वारा लिए गए बैंक ऋ ण माफ या बीमा क्लेम दिलवाने की मांग रखी है। इसके साथ ही सेठिया रेस्टोरेंट संचालक स्व. मुकेश सेठिया की पत्नी संतोष सेठिया ने 11 लाख के मुआवजे की मांग की है उनका कहना है कि ब्लास्ट में सर्वाधिक नुकसान मेरा हुआ है किंतु प्रशासन ने आज तक सुनवाई नहीं की है।
इसके साथ ही प्रीति पटवा ने अपनी दुकान व घर के नुकसान का आवेदन दिया तो रेखा भाटोदरा ने स्थाई नौकरी के लिए आवेदन दिया। वहीं रेशमा ने अपनी नउकरी पेटलावद में ही लगवाने के लिए आवेदन दिया तो परमार परिवार ने कृषि ऋ ण मांफ करने के लिए आवेदन दिया। इस प्रकार पीडि़तों ने कई आवेदन दे कर एक बार पुन: प्रशासन के सामने अपनी समस्या रखी।
राजेंद्र कांसवा की संपत्ति अधिग्रहीत करने की मांग.
पीडि़तों ने आक्रोशित स्वर में राजेंद्र कांसवा की सम्पूर्ण संपत्ती को अधिग्रहित करने की मांग एक बार पुन: उठाई जिसमें उन्होंने मांग की है कि राजेंद्र कांसवा की संपत्ति को सरकार अपने कब्जें में लेकर उससे आने वाले पैसों से पीडि़तों कङ्क्ष सहायता प्रदान करें.
पेटोलियम आर्गेनाईजेशन की रिपोर्ट दबा रहे है-
पीडि़तों ने भोपाल के आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी का हवाला देते हुए प्रशासन पर आरोप लगाया कि आरोपियों को बचाया जा रहा है। पेट्रोलियम एक्सएप्लोसिव सेप्टी आर्गेनाइजेशन भारत सरकान ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि इस ब्लास्ट के लिए जिला प्रशासन और तत्कालीन कलेक्टर और एसपी दोषी है। उनका मानना है कि यह मामला सरकारी आपराधिक लापरवाही से हुआ नरसंहार है जिनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
राजेंद्र कांसवा आज भी जिंदा है.
पीडि़त परिजन तो आज भी यह मानने को तैयार नहीं है कि राजेंद्र कांसवा मारा गया है। शनिवार के शिविर में भी पीडि़तों ने खुलेआम सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि झाबुआ पुलिस और प्रशासन ने भारत सरकार के पेट्रोलियम एक्सएप्लोसिव सेप्टी आर्गेनाइजेशन द्वारा सागर स्थित फोरेंसिक लैब की महत्वपूर्ण रिपोर्ट मांगने पर गोपनीयता का सहारा लेकर रिपोर्ट देने से मना कर दिया। इस बात को कहते हुए पीडि़त राजेंद्र कांसवा के जिंदा होने की बात कह रहे है।
इसके साथ ही अव्यवस्थाओं के कारण पीडि़तों को खड़े रह कर भी इंतजार करना पड़ा। वहीं सुनवाई के बाद अधिकांश आवेदन असंतुष्ट नजर आए। इस मौके पर नगर परिषद द्वारा पेयजल,चाय और बिस्किट की व्यवस्था शिविर में आए पीडि़त परिजनों के लिए की गई थी। इस मौके पर एसडीएम सीएस सोलंकी, एसडीओपी आरआर अवास्या,टीआई लोकेंद्र सिंह ठाकुर, डॉ केडी मंडलोई, जीएस चोयल, तहसीलदार धनजी गरवाल,सीएमओ प्रियंक नवीन पड्या आदि उपस्थित थे।

 

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