निर्माणाधीन भवन पड़े हैं अधूरे और नए हो गए स्वीकृत

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
पेटलावद। देश को 100 फीसदी साक्षर करने का सपना साकार करना प्रदेश ओर देश की सरकार के लिए आसान नही है। इस विभाग को भ्रष्टाचारी दीमक की तरह खोखला करने पर ऊतारू है। सरकार की जहां मंशा है कि शिक्षा को पाने के लिए किसी भी प्रकार की समस्या न हो। इसके लिये हर गांव में विद्यालय का निर्माण करवाया जा रहा है तो रहने के लिये होस्टल, आश्रम बनवाये जा रहे है। लेकिन भ्रष्टों को ये भी रास नही आ रहा है। क्योंकि क्षेत्र में जिन नये भवनों का निर्माण किया जा रहा है उनमें जमकर भ्रस्टाचार किया जा रहा है। कुछ इसी तरह का नजारा करडावद के कस्तुरबा गांधी कन्या आश्रम का सामने आया है। यहां 200 कन्याओं के रहने की व्यवस्था है ओर कन्याओं की संख्या बड़ती देख शासन ने यहां अन्य कमरों का निर्माण करने के लिये ठेकेदार को ठेका दिया। परंतु ठेकेदार इतना चोर निकला की आधा अधूरा निर्माण रख कन्याओं को ही मुसीबत में डाल गया। ठेकेदार द्वारा जितना निर्माण किया गया वो भी घटिया तरीके से किया। ठेकेदार की पोल यहां का निर्माण ही बयां कर रहा है।
आज तक नहीं हुए पूरे कार्य
करडावद गांव से सटे कस्तुरबा गांधी कन्या आश्रम की दास्तान वहां की कन्याए जब सुनाती है तो कान खड़े हो जाते है। यहां की कन्याओं ने बताया कि रहना यहां है ओर पढ़ाई करने के लिये दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। बारिश के मौसम में तो यहां बहुत समस्या आती है। समस्याओं को देखते हुए नये भवन का निर्माण किया जा रहा था लेकिन ठेकेदार ने आधा ही निर्माण किया। आधे अधूरे निमार्ण के कारण हमेशा हादसे का भी भय लगा रहता है। लाखों रुपए इस भवन के लिये स्वीकृत किए गए लेकिन उनका क्या हुआ यह तो जिम्मेदार ही जाने। भवन बनने के पहले ही जर्जर होने लग गया है। निर्माण पूरी तरह से घटिया किया गया है। ये सब जिम्मेदारों की आंख के नीचे हो रहा है लेकिन कोई इस ओर ध्यान देने को तैयार नही है।
क्षेत्र में अधूरे पड़े हैं भवन
petlawad 01 petlawad 02शासन द्वारा क्षेत्र में कई भवनों का निर्माण करवाया जा रहा है। लेकिन पुर्व में अधुरे पडे अनुपयोगी भवनों के हाल जानने की कोशिश नही की जा रही है। ऐसे कई भवन आज भी पूर्ण होने के सपने देख रहे है जिनपर लाखों रुपए खर्च किया जा चुके है। सेमरोड के पास भी शिक्षा विभाग के लाखों रूपयों का भवन बन तो गया लेकिन आज तक उपयोग में नही लिया गया। सरकार को जुठी जानकारी देकर भ्रष्ट भवन तो स्वीकृत करवा लेते है पर वह आमजन के उपयोग में नहीं आते है। करडावद के इस कन्या आश्रम में भी कुछ ऐसा ही होने की संभावना है। इस भवन का निर्माण करीब एक वर्ष पहले शुरू हुआ था लेकिन आज तक यह पूरा नहीं हो पाया।

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