झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट
शांति नगर कालोनी जो कि नगर परिषद को हेंडओवर हो चुकी हे अपने विकास के लिये तड़पती नजर आ रही है कालोनी मे नालीयो एवं सडको का नामोनिशान नहीं है । जबकि कालोनी की आबादी हजारों मे हे । लगभग पुरी कालोनी के प्लाट बिक चुके हे ओर 75 प्रतिशत भाग मे लोग निवास करते है । कालोनी के प्रवेश द्वार पर ही सार्वजनिक खुला सुलभ शौचालय हे जो कि कालोनी की महिलाओं को शर्म मे डाल रहा हे । कालोनी के अगले हीस्सा तो मानो पुरे नगर का कुडादान हे इतनी गंदगी वहा पसरी रहती है कि वहां से गुजरने मे भी 10 बार सोचना पडे । कालोनी के कई अर्धनिर्मित भवन शराबियो एवं जुवारियों के अड्डे बने हुए है । कालोनी से निकालने वाला खुला एवं अतिक्रमण का शिकार नाला बारिश मे बाढ़ कि स्थीती बना देता है । ऐसी परिस्थितियो मे रह पाना शायद ही आम आदमी के लिये मुमकिन हो । कालोनी के लोगों ने कई बार इन समस्याओं को लेकर कोलोनाईजर व नगर परिषद को अवगत कराया मगर सांत्वना के अलावा अभी तक उन्हें कुछ नहीं मिल पाया ।तब कालोनी की महिलाओं ने सिमा चौरडीया, ममता बैरागी, अंजु मेहता, सविता पंचाल, भानु पंचाल, मनोरमा पडीयार,, मंजु पंचाल, सुशीला बेन, नविता मेहता कालोनी के बत्तर हालातो से प्रशासन एवं जनप्रतिनिधीयो को अवगत करवाया । तत्कालीन अनुविभागिय अधीकारी, नगर परिषद अध्यक्ष, सि.एम.ओ, सभी को आवेदन देकर समस्याओं से अवगत करवाया । परन्तु किसी के कान पर जु तक नहीं रेंगी। इसी तारतम्य मे सभी महीलाए एकत्रीत होकर बिते दिनों मे न. प. उपाध्यक्ष से भी मिली। परन्तु इस भेंट को नगर के कतिपय जनो ने राजनीति करते हुए धरना एवं घेराव का नाम दे कर यह बात फेलानी चाही कि नगर का विकास इस महीला नेत्री ने अवरूध्द कर रखा हे जिस पर कालोनी की महिलाओं ने बताया कि हम सिर्फ हमारी समस्याओ के निदान हेतु मिलने गये थे कोई धरना प्रदर्शन नहीं किया गया था। कालोनी की महिलाओं ने बताया कि दर दर भटकने के बाद भी आज तक कोई भी यहाँ झांकने तक नहीं आया । अगर शिघ्र ही समस्याओं की ओर ध्यान नही दिया गया तो दौरे पर आने पर मा. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को आवेदन देकर एवं उन्हें कालोनी मे आने का निमन्त्रण देकर समस्याओं से अवगत कराया जाएगा ।
नगर परिषद उपाध्यक्ष ने दिया आश्वासन