जीएसटी के विरोध में व्यापारियों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-

 कृषि उपज मंडी व्यापारियों के हितों एवं व्याप्त भय आशंकाओं को दूर करने के लिए एसडीएम सीएस सोलंकी को व्यापारियों ने ज्ञापन सौंपा। इस दौरान ज्ञापन में बताया गया कि व्यापारी वर्ग शुद्ध रूप से शासन के राजस्व आपूर्ति से जुड़ा वर्ग है। व्यापारी वर्ग शासन से विशेष सुविधाएं हासिल नहीं है अपितु कर संग्रहण कर शासन को पहुंचाता है। व्यापारी वर्ग को शासन की ओर से जीवन यापन करने के लिए पेंशन या अन्य किसी सुविधा की गारंटी नहीं है व लगातार अपनी स्वयं की जोखिम पर व्यवसाय चलाता है। ज्ञापन में व्यापारियों ने बताया कि वर्तमान में केंद्र शासन स्तर से जटील प्रावधानों को लागू किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश स्तर से भी ऐसे ही कठोर कानून बनाए जा रहे हैं जिससे व्यापारी वर्ग भयभीत है क्योंकि ऐसे कानूनों का दुरुपयोग की संभावनाएं बनती है। एसडीएम से मंडी में व्यवसाय करने वाले व्यापारियों ने समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि पूर्व के दशकों में एफआईआर, जेल जैसे कानून नहीं थे परंतु वर्तमान में ऐसे कानून लाकर व्यवसाय को भयमुक्त बनाया जा रहा है। निश्चित ही प्रदेश और देश में अर्थव्यवस्था में इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। एसडीएम से व्यापारियों ने मांग की कि जीएसटी में जेल भेजने का प्रावधान हटाने, समर्थन मूल्य के नीचे मूल्य पर आपराधिक प्रकरण कानून न हो क्योंकि गुणवत्ता तय करने हेतु अनेक स्थानों पर इन सुविधाओं का अभाव है, कर प्रावधानों एवं कर विवरणी प्रक्रिया को सरल बनाया जाए, अंत्यत फुटकर व्यापारियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जाए, वर्तमान मंडी शुल्क अन्य प्रदेशों में काफी कम है मप्र में भी शुल्क समीक्षा की जाकर शुल्क कम किया जाए। ज्ञापन सौंपने के दौरान अंकित बरवेटा, भूपेंद्र मालवी, अभय कुमार, विनोद बाफना समेत बड़ी संख्या में व्यापारीगण मौजूद थे।

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