झकनावदा से जितेंद्र राठोड की रिपोर्ट ॥ आदिवासी अंचल की आधुनिक युग में कुप्रथा का दोर आज भी अपनो के शवों की अवमानना के मामले सामने आ ही जाते है ताजा मामले कालीदेवी थाने के “खजूर-खो” गांव मे सामने आया । दरअसल इस गांव के भीला अजनार का सरदारपुर थाने के घाटियाबडिया गांव मे रहने वाला दामाद “नाहरसिंह गामड” अपने ससुराल यानी खजूर खो गांव आया था लेकिन लगातार शराब पीने के चलते उसकी कल सुबह मोत हो गई इस पर दामाद के घरवालो ने खजूर खो आकर हंगामा मचा दिया । मामला पुलिस तक पहुँचा ओर शव का पोस्टमार्टम कल करवाकर शव पुलिस ने भीमा ओर मृतक की पत्नी को सोंप दिया लेकिन कल से लेकर आजतक शव का अंतिम संस्कार मृतक के परिवार वालो ने नही होने दिया आज दोपहर जब मृतक नाहरसिंह की जान की कीमत उसके परिवार वालो ने दो लाख 15 हजार वसूल ली तब जाकर शव का अंतिम संस्कार किया जा सका ।
पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में —इस पूरे मामले मे ऊमरकोट पुलिस चोकी की भूमिका संदेह के घेरे मे है कल से लेकर आज दोपहर तक शव पडा रहा ओर मृतक की जान की कीमत वसूलने की कवायद होती रही लेकिन पुलिस ने शव की अवमानना अनजान बनकर होने दी । चोकी प्रभारी हीरालाल मालीवाल ने झाबुआ आजतक को शव सोंपने के समय को लेकर विरोधीभासी बयान दिये जिससे उनकी भूमिका पूरे मामले मे गडबड नजर आ रही है ।