जहरीले सांप पकडऩे में माहिर है नितेश जादूगर

0

झाबुआ लाइव के लिए झकनावदा से जितेन्द्र राठौड़ की रिपोर्ट-
आज तक हम लोगों ने देखा और सुना है कि सर्प का नाम सुनते ही लोगों की रूह कांप उठती है और अगर किसी को डंक मार दे और सर्प जहरीला हो और समय पर इलाज न हो तो वो मनुष्य दुनिया से अलविदा हो जाता है, परन्तु झकनावदा में एक शख्स ऐसा है जिसे सर्प से विशेष लगाव है, सर्प से इतना स्नेह आप ओर हम पहली बार देखेगें। जी हां, हम बात कर रहे है झकनावदा निवासी नितेश मेघवाल की जो सर्प निकलने की जानकारी मिलते ही उसे पकडऩे के लिए निकल पड़ता है और उसे हाथ में लेकर दुलारते हुए जंगल में छोडऩे जाता है।
अनगिनत सर्प पकड चुका है नितेश-
इस बारे में नितेश बतातात है कि आज से करीब 5 वर्ष पूर्व में पेटलावद के ढाबे पर काम करता था ढाबे पर खाने खाए कुछ ग्रामीणों के साथ विवाद हो गया उसके बाद ग्रामीण उसे मारने के लिए ढूंढने लगे तो मै भागते हुए जंगल जंगल में भैंसोला में पहुंचा जहां सुबह हो गई थी सुबह एक होटल पर मुझे एक साधु मिला जिन्हे मैंने पूरी विवाद की कहानी सुनाई उसके बाद वह मुझे उज्जैन ले गए उज्जैन से शाजापुर के घने जंगल में ले गए वहा उन्होंने मुझे कुछ तांत्रिक विद्या सिखाई उसके बाद वह मुझेे उज्जैन ले आए फिर मंै अपने निवास स्थान झकनावदा में रहने लगा तो पहले तो झकनावदा में सर्प निकलने पर में हाथ से बिना किसी हथियार से पकड़ता था जब लोग आश्चर्य चकित हो जाते थे और सर्प को मेरे हाथ में देख कर भीड़ जमा हो जाती थी पर धीरे-धीरे यह प्रक्रिया आम हो गई और जब आसपास के लोगों को यह जानकारी मिली तो पूरे क्षेत्र, में लोग नितेश को इस कार्य हेतु बुलाने लगे।
कई बार डंक मारने पर भी नहीं होता असर
नितेश जादूगर ने असंख्य सर्प पकड़ हैं, जो भारी भरकम होते हैं परन्तु जाने क्या प्रेम सर्प और इस सपेरे में है कि नितेश को यह खेल लगता है। सारा काम छोड़कर पहले इस कार्य को तवज्जो देता है कई ग्रामणी सर्प को घायल कर देते हैं तो वह घायल सर्प का इलाज भी जड़ी-बूटियों और मरहम से उसके स्तर का इलाज भी करता है। घायल सर्प कई बार गुस्से में उसे डंक भी मारते है लेकिन इन जहरीले सर्प का कोई असर इस नितेश पर नहीं होता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.