चीनी पटाखों को मात देने मे जुटी भारतीय कंपनिया

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झाबुआ लाइव डेस्क के लिऐ ” व्यापार ” संवाददाता” राजेंद्र गोयल की ” EXCLUSIVE रिपोर्ट jpg

दीपावली का त्योहार आ रहा है और बाजार में एक से बढ़ कर एक पटाखे आने लगे हैं। लेकिन, पिछले कुछ सालों से चीन से आए पटाखों से बाजार अंटा पड़ा रहता है। भारत के पटाखा उद्योग का कहना है कि चीनी पटाखों की वजह से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए, ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की तर्ज पर तमिलनाडु की पटाखा बनाने वाली कंपनियां इस बार चीन से गैरकानूनी तरीके से आयातित पटाखों का मुकाबला करने की तैयारी कर रही हैं। पटाखा विनिर्माता देश में बने पटाखों की अवधारणा को प्रोत्साहित करेंगे।

तमिलनाडु फायरक्रैकर्स ऐंड एमॉर्सिस मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन के अध्यक्ष एस अबिरबेन ने कहा कि तमिलनाडु के पटाखा विनिर्माताओं ने चीन से गैरकानूनी तरीके से आयातित पटाखों का मुद्दा केंद्र और राज्य सरकारों के साथ उठाया है। उन्होंने कहा कि देश में सप्लाइ किए जाने वाले 90 प्रतिशत पटाखे शिवकाशी (तमिलनाडु) में बनते हैं। पटाखा उद्योग करीब 6,000 करोड़ रुपये का है।

अबिरबेन ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान की तर्ज पर लोगों में भारत में बने पटाखों को खरीदने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा कि करीब पांच लाख परिवार इस उद्योग पर निर्भर हैं। अवैध आयात से उद्योग प्रभावित हो रहा है। चीनी पटाखों की वजह से करीब 30 प्रतिशत कारोबार पर असर पड़ा है।

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