गौ हत्या के विरोध में नगर बंद रख, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

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02 08झाबुआ लाइव के लिए पारा से राज सरतालिया की रिपोर्ट-
जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर पारा सोमवार को पूरी तरह से बंद रहा। दरअसल गोरक्षा समिति ने बंद काल किया था। बंद को आज भारी समर्थन मिला और सुबह से ही एक एक दुकाने बंद थी दोपहर को एक रैली गौहत्या एंव उस मामले मे पुलिस की भूमिका के खिलाफ निकाली गयी। बाद मे गोरक्षा समिति ने नागरिकों के साथ मिलकर एसडीओपी को ज्ञापन सौंपकर नगर के नागरिकों ने महामहिम राज्यपाल के नाम संवेदनशील घटनाओं पर रोक को लेकर प्रशासन की लचर प्रणाली के विरुद्ध सौंपा। ज्ञापन विगत दिनों 18 अगस्त की रात गौ हत्या जैसे सनसनीखेज घटना के मामले में 10 दिन बाद भी प्रशासन की और से कोई कार्यवाही नहीं होने को लेकर नगर के गौ रक्षा मंच द्वारा सोमवार नगर बंद का आव्हान किया गया, जिसमें नगर के व्यापारियों ने दोपहर तक अपने प्रतिष्ठान बंद रख पूर्ण नगर बंद को अपना समर्थन दिया, बाद 12 बजे नगर में विरोधाभास रैली निकाली गई जो होलीचौक, सदरबाजार से होकर स्थानीय बस स्टैंड पहुंची जहां एकत्रित समाज जानो ने एक संगोष्ठी आयोजित की जिसमें सभी ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए विरोध जताया। वहीं ज्ञापन में पारा कस्बे में गौ वध परिवहन पर रोक, अवैध रूप से संचालित हो रहे व्यवसायों पर प्रतिबंध, पुलिस चौकी से दलाली और भांजगडी प्रथा बंद हो, नगर में यातायात व्यवस्था सुचारू करने जैसे अहम मुद्दों को लेकर हिन्दू संगठनों, गौरक्षा मंच और नगर के नागरिकों ने महामहिम राज्यपाल के नाम झाबुआ एसएस परिहार को समस्याओं से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा।
18-19 अगस्त की दरमियानी रात गौहत्या का आरोप
दरअसल गौहत्या समिति की और से आरोप लगाया गया है कि पारा से सटे रातीमाली गांव में बालू मंडोड नामक एक गोपालक किसान की एक गाय कथित रुप से चोरी हो गई थी और उस गाय को रातीमाली गांव के ही नेवसिंह एंव रतनने गाय को काटकर खा लिया ओर उसके अवशेष को घर के पीछे एक गड्ढे में गाढ दिया और एक दलित को बुलवाकर उसकी खाल उतरवाई गई। गौरक्षा समिति के वालसिंह मसानिया का आरोप है कि पारा चौकी पुलिस ने रात मे ही बाइक पर खाद उतारने वाले दलित को पकड़ लिया था ओर रात भर चौकी पर बंद रखा लेकिन सुबह भारी लेनदेन कर गाय काटने वाले और खाल उतारने वाले को छोड़ दिया गया। इस मामले में 21 अगस्त को पुलिस को गाय मालिक बालू मंडोड ने पारा पुलिस चौकी पर आवेदन सौंपकर पूरी घटनाक्रम लिखकर कारवाई की मांग की। गौरक्षा समिति में पारा नगर के सभी समाज के लोग शामिल है समिति से जुड़े अशोक बलसोरा कहते है कि पुलिस को चाहिए कि वे जिन पर गौहत्या की शंका है उनको पूछताछ के लिए बुलाना चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। इस मामले मे बालू मंडोड जो कि गाय मालिक है उनका कहना है कि उन्हें पूरी शंका है कि उनकी गाय को नेवसिंह, रतनसिंह एंव दलित (खाल उतारने वाला) रतन ने मारा है ओर इसी बिना पर उसने पुलिस को पड़ताल करने के बाद ही आवेदन दिया था। आवेदक बालू कहते है कि वह एक आदिवासी है उनके सूत्रों या उनके पास ऐसे मोबाइल नहीं है जो वह वीडियो या फोटो बना लेते ओर पुलिस को दे देते। बालू कहते है कि अगर सख्ती से पुलिस पूछताछ करे तो सच्चाई सामने आ जाएगी।
पुलिस का कहना है कि उसने गाय चोरी की एफआईआर धज कर जांच शुरु कर दी है लेकिन गाय को काटा गया है या नहीं इसकी जांच की जा रही है। चूंकि गाय का मृत शरीर और अवशेष नहीं है जैसा कि आवेदक और गौरक्षा दल वाले आरोप लगा रहे है इसलिए जांच मे विलंब लग सकता है। पारा पुलिस चौकी, झाबुआ कोतवाली के अंतर्गत आती है उसके थाना इंचार्ज आरसी भास्करे कहते है कि हमने गौरक्षा दल ओर आवेदक को आश्वासन दिया है कि जांच गंभीरता से की जाएगी ओर अगर सबूत मिलते है तो दोषियों पर कारवाई की जाएगी।

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