गुणवत्ता की जांच किए बिना ही तीन पंचायत भवनों को ढहाया, कार्यप्रणाली पर लगाए प्रश्नचिन्ह

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हरीश राठौड़, पेटलावद
क्षेत्र में पुराने भवनों को गिराने का एक क्रम सा चल गया है। हर पंचायत में पुराने भवन गिराए जा रहे है। पहले ग्राम पंचायत बाछीखेड़ा ने तो अब जामली और बावड़ी में भी पुराने भवन गिरा दिए गए। इन भवनों को गिराने के पहले न तो इनकी कोई रिपोर्ट ली गई न ही पीडब्ल्यूडी के माध्यम से इनकी गुणवत्ता की जांच करवाई गई। बिना किसी सूचना के तीनों ही स्थानों पर भवनों को गिरा दिया गया। इस संबंध में सचिव से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि बाछीखेड़ा में नया भवन बनाना है। इसलिए गिराया तो ग्राम पंचायत जामली में सचिव कुछ का कुछ जवाब देकर अपना पल्ला झाडता नजर आया। वहीं ग्रामीणों की माने तो तीनों ही स्थानों पर भवन इस स्थिति में नहीं थे की उन्हें गिराया जाए किंतु पंचायत ने अपने फायदे के लिए भवनों को गिरा दिया। इस संबंध में पंचायतों के द्वारा जनपद पंचायत पेटलावद को भी कोई सूचना नहीं दी गई। इस संबंध में जनपद में जानकारी चाही गई किंतु कोई जानकारी नहीं मिली। वही इस संबंध में जिपं सीईओ जमुना भिड़े से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि हो सकता है भवन गिरने लायक हो इसलिए पंचायत ने गिरा दिए हो। इसके आसपास यदि कोई बच्चे खेलते तो उनकी जान का खतरा हो सकता था। किंतु स्थितियां इसके विपरीत है। ग्राम पंचायत बाछीखेड़ा में जो भवन गिराया गया उसमें चार वर्ष पहले ही पंचायत ने 2 लाख रूपए का खर्च कर भवन को नवीन बनाया था, जिस स्थिति में भवन पूरी तरह से सुदृढ़ था। उसे गिराया जाना उचित नहीं था। वहीं ग्राम पंचायत जामली और बावड़ी में भी पंचायत भवनों की स्थिति अच्छी थी किंतु न जाने क्यों अपने कुछ फायदे के लिए भवन गिरा दिए गए।

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