गुजरात के फैक्ट्री मालिक अपना कालाधन खपा रहे जिले के मजदूरों के खातों में : भूरिया

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झाबुआ।आदिवासी बाहुल जिले से प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में ग्रामीणों का रोजगार प्राप्त करने के लिए गुजरात के विभिन्न शहरों की ओर पलायन हो रहा है और वहां भी इनका अब शोषण किया जा रहा है। कंपनी एवं फैक्ट्रियों के कई ठेकेदारों द्वारा प्रचलन से बाहर हो चुके 500 एवं 1000 रुपए के नोटों के लिए खाते खुलवाकर वहां डाले जा रहे हैं।। यह बात जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने बताई। उन्होंने बताया कि उन्हें गुजरात पलायन से आए ग्रामीणों ने इस मामले से अवगत करवाया है। भूरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर तो शासन एवं जिला प्रशासन ग्रामीणों के पलायन को रोकने में नाकामयाब साबित हो रहा है। गांवों में प्रदेश एवं केंद्र सरकार की योजनाएं ठप्प होने से ग्रामीण महिला-पुरूष एवं बच्चे पलायन करने को मजबूर है। वहीं गुजरात के शहरों में भी मजदूरी के लिए जाने पर वहां उनका आर्थिक शोषण जमकर हो रहा है।
कालाधन इस तरह निकाला जा रहा-
भूरिया ने बताया कि उन्हें जो शिकायत प्राप्त हुई है, उसके अनुसार गुजरात के शहरों में विभिन्न कंपनियों व फैक्ट्रियों के ठेकेदारों द्वारा अपना काला धन निकालने एवं 500 तथा 1000 रुपए के पुराने नोट निकालने के लिए ग्रामीणों से बैंकों में खाते खुलवाए जा रहे है। सीधे-साधे ग्रामीणों द्वारा खाता खुलवाने के बाद उनका प्रतिमाह के वेतन के नाम पर यह 500 एवं 1000 रुपए के पुराने नोट जमा किए जा रहे है। वहीं उनसे 5 साल तक कंपनी में कार्य करने का एग्रीमेंट भी लिखवाया जा रहा है, जिससे पूर्व वह कार्य नहीं छोड़ सकते है। जिपं अध्यक्ष भूरिया ने कहा कि वे इस मामले की शिकायत उच्च स्तर पर कर उचित कार्रवाई की मांग करेंगी।