सुबह 5 बजे तक कव्वाली पर झूमते रहे अकीदतमंद
झाबुआ लाइव के लिए थांदला से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट-
सनिचर को सुबह 9 बजे गौसिया जामा मस्जिद में कुरआन ख्वानी से शुरू हुए हजरत गेबन सैयद वली रेहमतुल्लाह अलैह का उर्स इतवार को रंग-ए-महफिल के साथ समापन हो गया। गौरतलब है कि सनिचर को सुबह 9 बजे कुरआन ख्वानी के बाद गौसिया जामा मस्जिद से शाम 4 बजे चादर शरीफ का जुलूस निकाला गया जो आस्ताने औलिया पहुंचा और मजार शरीफ पर अकीदतमंदों ने चादर शरीफ पेश की। इसके बाद सभी अकीदतमंदों ने मजार शरीफ पर दुआएं की। वहींसनिचर इशा की नमाज के बाद गेबन सैयद वली की दरगाह पर कव्वाली का दौर शुरू हुआ, जिसमें कोटा राजस्थान से आए हाफिज हिफजुर्रहमान साहब एंड कव्वाली पार्टी ने कव्वाली का आगाज मनकबत पढ़कर किया जिसमें तेरी शान है ख्वाजा-ए-ख्वाजगा और उसके बाद नाते पाक घुंघर वाले बाल (सल्ललाहो अलैह व सल्लम) सुनाकर अकीदतमंदों को रुहानी तौर फैजयाब कर दिया। इसी के साथ कौमी एकता पर कव्वाली दिन-धरम की बात जब आए, तो धर्म मेरा इनसान ही लिखना, जब भी मेरी कहानी लिखना मुझको हिंदुस्तानी लिखना, जलसागाह में मौजूद हिंदू-मुसलमानों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
जलसागाह में दिखी कौमी एकता
सनिचर की रात हुई इस कव्वाली के प्रोग्राम में कौमी एकता दिखाई दी। इस दौरान कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुसलमानों के साथ हिंदू भाई भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। वहींउज्जैन से आए अखंड आनंंद महाराज ने कव्वाली के प्रोग्राम में आकर सौहार्द्र, भाईचारे का पैगाम दिया। इसके बाद राजा सरफराज एंड पार्टी ने वह कश्ती ए उम्मीद डूबने नहींदेता, मायूस किसी हाल में होनी नहींदेता, सुनाकर मौजूद कव्वाली की महफिल को खुशनुमा बना दिया। हजरत गेबन सैयद (र.अ.) के उर्स मुबारक के मौके पर अब्दुल रज्जाक बादशाह मस्तान साहब, छोटे मियां सरकार मंदसौर, अनीस बाबा कुशलगढ़, करीम बाबा कोटड़ी, जियाउद्दीन बाबा, युसूफ बाबा, सलीम बाबा, निसार बाबा झाबुआ, कल्लू बाबा, रज्जाक बाबा, जहीरुद्दीन बाबा, उस्मान बाबा थांदला ने रहनुमाई की। इस दौरान झाबुआ, रंभापुर, मदरानी, खवासा, बामनिया, भाबरा, जोबट अलीराजपुर, कुशलगढ़, हितम्मतगढ़, रतलाम, दाहोद, झालोद समेत हजारों की तादाद में अकीदतमंद कव्वाली प्रोग्राम में पहुंचे। वहींइतवार को रंग-ए-महफिल प्रोग्राम आस्ताने गेबन सैयद पर हुआ जिसमें हिफर्जुरहमान कव्वाल पार्टी ने तेरी आंखे के पैमाने पीते हैं मस्ताने, यह कैफ कहां से आया इस राज को अल्लाह जाने, शहीदाने कर्बला की शान में सज्दा एक ऐसा पेशे खुदा कर गए हुसैन, जो हक था बंदगी का अदा कर गए हुसैन व रंग महफिल के आखिरी में आज रंग है मां रंग है री, पढ़कर कव्वाली प्रोग्राम का समापन किया। इसके बाद तबर्रुक बांटा गया और जमाअतखाने पर लंगरे आम रखा गया जिसमें बड़ी तादाद में लोगों ने लुत्फ उठाया। कव्वाली के दौरान पुलिस प्रशासन व मीडिया कर्मियों का उर्स कमेटी ने आभार माना। इस दौरान सदर कदरुर्दीन शेख, जामा मस्जिद के इमाम मौलाना इस्माइल बरकाती, हाफिज सलीमुद्दीन, आरिफ खान, अमीर जमान पठान मौजूद रहे।
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