ऐतिहासिक भजन संध्या व संत समागम में जुटे हजारों भक्त

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  झाबुआ लाइव के लिए पारा से राज सरतलिया की रिपोर्ट
मालवा अंचल की धर्म नगरी पारा में पहली मर्तबा इस तरह का भव्य आयोजन देखने को मिला, जिसमें अखिल भारतीय कलाजी संप्रदाय के सैकड़ों गादीपति मारवाड़, मेवाड़, राजस्थान एवं मालवा की धर्मधरा से उपस्थित होकर पारा नगरीय के इस विशाल भजन संध्या एवं संत समागम कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। यह विशाल कार्यक्रम के सूत्रधार तथा कलाजी के लाड़ले सेवक महंत संतोष गेहलोत के मार्गदर्शन में हुआ।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय कलाजी संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष भीमसिंह चौहान, कार्यक्रम की अध्यक्षता झाबुआ नगर पालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया, विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ महाप्रबंधक पीएन यादव, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शैलेष दुबे, समाजसेवी प्रकाश रांका एवं थांदला नागेश्वर धाम गादिपति नारायण गुरुजी, झाबुआ गादीपति महंत संतोषसिंह गेहलोत की मौजूदगी में कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। सर्वप्रथम मंच पर विराजमान कलाजी महाराज की प्रतिमा, सरस्वती मां व महाराणा प्रताप के तेल चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवल कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके पश्चात अतिथियों, गादीपतियों का सम्मान आयोजन कर्ता सार्वजनिक नवदुर्गा महोत्सव तथा कलाजी धाम झाबुआ के सदस्यों द्वारा पुष्पमालाओं से स्वागत किया गया। उसके पश्चात अखिल भारतीय कलाजी संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष भीमसिंह चौहान ने उपस्थित अनुयायियों को संबोधित करते हुए कलाजी संप्रदाय के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। साथ ही साथ आयोजन समिति द्वारा उक्त आयोजन पर बधाई भी दी।
भजन सम्राट जगदीश वैष्णव ने दी प्रस्तुतियां
 कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण मेवाड़ के भजन सम्राट जगदीश वैष्णव एंड पार्टी द्वारा बेसब्री से इंतजार कर रहे श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने वाले भजनों की प्रस्तुति देकर सबको भाव विभोर कर दिया, जिसमें मार्मिक भजन मृत्यु उपरांत के पूर्व यमराज से उसी बूढ़ी मां ने छह मिनट मांगे उसका गायन के माध्यम से बखान किया है उसे सुनकर पंडाल में मौजूद अधिकांश मातृशक्ति के आंखों में आंसू आ गए। साथ ही अजन्म बेटी के ऊपर स्पेशल भजन की प्रस्तुति इंदौर से आए मयूर जैन ने दी। इस कार्यक्रम में उपस्थित जनसैलाब ने भजन संध्या का खूब नाच-गाकर आनंद लिया। पारा की धरा के लिए यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम रहा। कार्यक्रम में अखिल भारतीय कलाजी संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष भीमसिंह चौहान, उदयपुर के अशोक परिहार मंचासीन सभी संत-महंतों को झाबुआ कलाजी शक्तिपीठ एवं सार्वजनिक नवदुर्गा महोत्सव समिति पारा की ओर से प्रतीक चिन्ह भेंट की गई। इस संपूर्ण आयोजन में पुलिस प्रशासन का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन अशोक बलसोरा ने किया।

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