एक रूम में दो कक्षाएं संचालित होने से छात्राओं को पढ़ाई में हो रहा व्यावधान : शिक्षा विभाग उदासीन

0
रेडियो पर मामा शिवराज कि मन कि बात सुनती भांजिया।

jhaua Live भूपेंद्रसिंह नायक, पिटोल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा अपने भानजे-भांजियों के लिए शिक्षा के लिए कई योजनाए चालू तो कि परंतु धरातल पर उनका क्रियानवयन नही के बराबर होता है। इसी कड़ी में पिटोल हायर सेकंडरी स्कूल पिटोल में बालक और बालिकाएं एक साथ पढ़ाई करते थे परन्तु पिटोल बालिका हाईस्कूल का दो वर्ष पुर्व उन्नयन होकर हायर सेकंडरी में बना दिया गया परन्तु प्रतिवर्ष बालिकाओं की संख्या बढऩे से स्कूल छोटी पडऩे लग गई क्योंकि बालिका हायर सेकंडरी स्कूल में कला एवं विज्ञान संकाय साथ में होने से स्थिति बद से बदतर हो गई है यहां विज्ञान संकाय एवं कला संकाय की छात्राओं को एक ही रूम में बैठकर पढाई करना पढ़ रही है इसी के चलते स्कूल छात्राएं अब घर पर रहकर ही पढ़ाई करने का प्रयास कर रही है जिससे उनकी पढ़ाई में रुकावट आ रही है।
बालिकाएं ज्यादा कमरे कम –
3 वर्ष पूर्व बने नये भवन में कुल चार कमरे है, चार कमरों में कला एवं विज्ञान संकाय की कुल 310 छात्राए अध्धयन करती है जिसमे से एक रूम में से आधा रूम स्टाफ रूम है एवं आधे रूम मेें 11वीं की विज्ञान एवं कला संकाय की बालिकाए एक साथ पढऩे को मजबूर है, बाहर बरामदे में एक साथ दो विषयों कि कक्षाए संचालित करना पड रही है जिससे दोनों संकाय की छात्राओं की आपस में आवाज टकराने से व्यवधान उत्पन्न होता है।
हायर सेकंडरी का स्टाफ ही नहीं है – जहा मध्यप्रदेश सरकार एवं विधायक अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए हाइस्कूल को हायर सेकंडरी में उन्नयन कर दिया परंतु हायर सेकंडरी की बालिकाओं को पढ़ाने के लिए पर्याप्त स्टाफ ही नहीं है। यह मामा की भांजियां हाईस्कूल के तथा अतिथि शिक्षकों के भरोसे पर पढ़ाई कर रही है। अगर सरकार के पास पर्याप्त स्टाफ हायर सेकंडरी की बालिकाओं को पढ़ाने के लिए स्टाफ नही था तो उन्नयन नही करना था
स्कूल स्टाफ को बैठने कि जगह नहीं –
कुल चार कमरों में 7 कक्षाए संचालित कि जा रही है। स्कूल में लेखापाल नही है एवं हायर सेकंडरी स्टाफ के 8 पद रिक्त है। एक भृत्य कि आवश्यकता है ओर लाइब्रेरी नही विज्ञान संकाय की बालिकाओं को प्रैक्टिकल करने के लिए लैब नहीं है।
एसपी की बात को अनसुना किया शिक्षा विभाग ने –
कुछ दिन पूर्व पिटोल बालीका हायर सेकंडरी स्कूल में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत कार्यक्रम में एसपी महेशचंद्र जैन हायर सेकंडरी स्कूल में पधारे थे तब बालिकाओं ने अपनी यह समस्या पुलिस कप्तान के समक्ष रखी थी तब उसी समय पुलिस अधीक्षक ने शिक्षा विभाग के एसी से मोबाइल फोन से बात कर कक्षाओं को दो शिफ्ट में करने कि बात कही परन्तु आज तक शिक्षा विभाग ने इस समस्या का समाधान नहीं किया। अगर इसी बिल्डिंग के उपर चार अन्य रूम बन जाए तो इस समस्या से होनहार छात्राओ को निजात मिल जाएगी।
नही है पानी कि सुविधा –
स्कूल में पीने के पानी तथा स्कूल के शौचालय तथा बाथरूम के उपयोग के लिए पानी की सुविधा नहीं है जिससेे स्कूल के अंदर बने बाथरूम एवं शौचालय की दुर्गंध फैलने से वहां अध्ययनरत छात्राओं को पढ़ाई में व्यवधान होता है। अगर पास लगे हैंडपंप मेें सबमर्सिबल पम्प सिंगल फेस का डाल दिया जाए तो पानी कि समस्या से निजात पाया जा सकता है।
जिम्मेदार बोल-
हमने स्कूली की समस्याओं को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया परन्तु समस्या का समाधान नहीं हुआ।
– सविता गुप्ता, प्राचार्य बालिका हाई सेकंडरी पिटोल

Leave A Reply

Your email address will not be published.