आम बजट नए लिफाफे में पुराने सामान की तरह : कांतिलाल भूरिया

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Budget-2017-Taxscan-1झाबुआ। सांसद कांतिलाल भूरिया ने आम बजट 2017-18 को पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे उपभोक्ताओं की कमर तोडऩे वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार और वित्त मंत्री अरूण जेटली से आमजनों को अपेक्षा थी कि आम बजट जनकल्याणकारी, लोकोपयोगी और लोक लुभावन होगा, किंतु वित्त मंत्री ने तमाम उम्मीदों पर न केवल पानी फेर दिया है, बल्कि आम उपयोग में आने वाली अधिकांश अति उपयोगी वस्तुओं पर सर्विस टैक्स का भार बढ़ाकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों और नौकरीपेशा लोगों के समक्ष अंधेरा परोस दिया गया है।
रेल परियोजना के लिए नहीं दिया ध्यान-
सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने बजट में आदिवासी अंचल में तत्कालिन केन्द्र सरकार के कार्यकाल में प्रारंभ हुई दो महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं पर रेल मंत्रालय का ध्यान नहीं देने के कारण उन्होंने रेल मंत्री से इस संबंध में अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें पुन: इस रेल लाइन कार्य को त्वरित गति से पूरा करने हेतु अधिक से अधिक राशि आवंटित करने की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि बजट आदिवासी अंचल को बहुत ही निराश किया है। भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेता चुनाव के समय इस अंचल में आकर बडी-बडी बातें करते है किंतु जब कार्य करने का समय आता है तो वे पीछे हट जाते है। इससे सिद्ध होता है कि भारतीय जनता पार्टी को आदिवासी अंचल की कितनी परवाह है? भारतीय जनता पार्टी के केन्द्र में शासन करते हुए यह चौथा बजट है किंतु इन चारों बजटों में वर्तमान केन्द्र सरकार ने इस आदिवासी अंचल हमेशा उपेक्षा ही की है। भूरिया ने कहा कि इस बजट में कहीं भी पारदर्शिता नजर नहीं आ रही है। पिछली घोषणाओं व पूर्व में प्रारंभ हुए कार्यो की कोई जानकारी भी इस बजट में नहीं दी गई है और न ही रेल परियोजना के लिए कोई राशि आवंटित की गई है। इससे यह रेल योजना पूरी तरह से खटाई में पड़ गई है। कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपनी नाकामियों को छुपाकर नोटबंदी की योजना को महामंडित करने की कोशिश की गई तथा अपनी गलतियों को छुपाकर देश की सवा सौ करोड़ जनता को गुमराह करने की कोशिश की गई है।
बजट नए लिफाफे में पुराना सामान-
भूरिया ने आगे कहा कि यह बजट पूरी तरह निराशावादी एवं नए लिफाफे में पूराना सामान है। बजट में रोजगार मूलक कार्यक्रमों की अनदेखी की गई है जो बजट में इस हेतु प्रावधान किए जाने थे वेसा कुछ भी नही किया गया है। कुल मिलाकर यह बजट अर्थव्यवस्था को कमजोर करेगा तथा महंगाई में भी इजाफा होगा। जिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ने बजट का घोर निराशावादी बताते हुए कहा कि सर्विस टैक्स बढ़ाने से मध्यम व गरीब परिवार आर्थिक बोझ झेलने को मजबूर है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए बजट में कुछ नहीं-
जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने कहा कि इस बजट में महिलाओं को निराशा ही हाथ लगी है। महिलाओं के घरेलू उपयोग में आने वाली वस्तु पर कोइ ध्यान नही दिया गया है और न ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इस बजट में कोइ प्रावधान किया गया है। युवा नेता डॉ विक्रांत भूरिया ने कहा कि इस बजट में बेरोजगारों को रोजगार देने हेतु कोई ठोस प्रावधान नही किया गया है। बजट में कर्जदार किसानों को उनका कर्जा माफ करने की बजाय केवल दो माह की मोहलत दी गई इससे किसानों का कुछ भी फायदा होने वाला नहीं है अपितु वह खून के आसूं रोने पर मजबूर होगा । इस बजट से बेरोजगारी बढ़ेगी एवं महंगाई में बढ़ोतरी होगी। जिला कांग्रेस प्रवक्ता हर्ष भटट ने कहा कि देश के आम कर्मचारी एवं आयकर दाताओं को इस बजट में कोई विशेष सुविधा नही मिली है तथा आयकर के स्लेब में मामूली बदलाव किया गया है जिससे आयकर दाताओं में निराशा है जिला कांग्रेस ने इसे पूरी तरह निराशावादी और महंगाई बढाने वाला बजट करार दिया है।

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