अतिथि विद्वान प्रोफेसरों ने ज्ञापन सौंपकर की मांग

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झाबुआ से अबदुल वली पठान की रिपोर्ट:S2050026

मध्यप्रदेश अतिथि विद्वान महासंघ के आह्नान पर जिला इकाई द्वारा समस्त महाविद्यालयों में कार्यरत अतिथि विद्वानों के साथ मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी के नाम ज्ञापन सोंपा गया, जिसमें उन्होंने अपनी मांगें रखी। यह ज्ञापन कलेक्टर व मुख्यमंत्री के नाम सोंपा गया। गोरतलब है कि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय में अध्यापन संबंधी कार्य के लिए सहायक अध्यापक के विरुद्ध अतिथि विद्वानों से अध्यापन कार्य करवाया जाता है और इन अतिथि विद्वानों को मानदेय के नाम मात्र 200 रुपए कालखंड दिया जाता है जिसमें उन्हें सिर्फ 600 रुपए प्रतिदिन मिलता है। इतना कम मानदेय के चलते वे आर्थिक परेशानियों से घिर चुके हैं। ज्ञापन में लिखा गया कि अतिथि विद्वानों की भर्ती प्रक्रिया भी यूजीसी के नियमों के अनुसार की जा रही है, जबकि कार्य भी नियमित सहायक प्रधानाध्यपाक के समान किया जाता है, इसके बावजूद उच्च शिक्षा विभाग द्वारा उनका वेतन असमान और कम कर दिया जाता है। एक शिक्षा सत्र में अतिथि विद्वानों को मात्र छह से आठ माह ही अध्यापन का काम लिया जाता है उसके बाद उन्हें निकाल दिया जाता है। यह वयवस्था विगत 15 वर्षों से चली आ रही है, लेकिन अभी तक अतिथि विद्वानों के लिए नियमितिकरण तथा समान वेतन नीति को नहीं अपनाया गया है। इसके विरोध में अतिथि विद्वान 16 मार्च से काली पट्टी बांधकर कार्य कर रहे हैं तथा 15 से 19 अप्रैल तक वे अध्यापन कार्य नहीं करेंगे और भोपाल की रैली में शामिल होंगे। ज्ञापन देते वक्त डाॅ.शेभा राठौर, विजय डावर, विकास वर्मा, ओपी शर्मा मौजूद थे।