झाबुआ। बीते दिनांे प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा जिले का जो दौरा किया गया, उसे जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष एवं जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती भूरिया ने महज औपचारिक बताया है। सुश्री भूरिया ने कहा कि मंत्री द्वारा जिले में जो घटिया आंगनवाड़ी केंद्र है, जहां बच्चांे को टाटपट्टी के अभाव में जमीन पर बैठना पड़ रहा है, मध्यान्ह भोजन नसीब नहीं हो रहा है, ऐसे केंद्रों का उनके द्वारा भ्रमण नहीं किया गया। वहीं मंत्री द्वारा जो बैठक ली है, उसमें भी अधिकारियों ने गलत आॅकड़े प्रस्तुत किए। भूरिया ने बताया कि जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों मंे महीनांे से आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति अत्यंत दयनीय बनी हुई है, जिसको देखने की फुर्सत जिले के आला अधिकारियों को नहीं है। महिला एवं बाल विकास मंत्री ने भी कुछ ऐसा ही किया, वह जिले के दौरे पर आई और उन्हें शहर के कुरैशी कंपाउंड में ऐसी आंगनवाड़ी केंद्र का अवलोकन करवाया गया, जो एक दिन पूर्व ही चकाचक कर दी गई और जब मंत्री यहां पहुंची तो उन्हांेने प्रसन्नता व्यक्त की।
शहर की इन आंगनवाड़ियांे की ओर नहंी गया ध्यान
सुश्री भूरिया ने कहा कि मंत्री का शहर की अन्य आंगनवाड़ी केंद्रों की ओर ध्यान नहीं गया, जो दुर्दशा का षिकार हो रहीं है। शहर के वार्ड क्र. 7 नगरपालिका के पीछे स्थित आंगनवाड़ी केंद्र की यह हालत है कि आसपास शौचालय-बाथरूम किया जाता है। पास ही मटन मार्केट संचालित होता है। आंगनवाड़ी केद्र पर आने के रास्ते की हालत काफी खराब है। यहां बच्चें तो ठीक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं एवं सहायिकाएं भी केंद्र मंे बैठना पसंद नहीं करती है। यहीं स्थिति शहर के वार्ड क्र. 18 स्थित आंगनवाड़ी केंद्र की भी है, जहां समीप अत्यधिक कूड़ा-करकट पसरा रहा है। शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई आंगवाड़ीयां ऐसी है, जिनके भवन जर्जर हो रहे है। मध्यान्ह भोजन बच्चों को नहीं मिल रहे है, भोजन के लिए बर्तन नहीं है, कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं समय पर नहीं आती है। बैठने के लिए टाटपट्टी नहंी है, बच्चांे को जो सुविधाएं केंद्र पर मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहीं है। ऐसी आंगनवाड़ियों का अवलोकन नहीं करते हुए मंत्री द्वारा सुव्यवस्थित आंगनवाड़ी केंद्र का अवलोकन कर औपचारिकताएं निभाई गई।
बैठक में भी हुई औपचारिकता
सुश्री भूरिया ने आगे आरोप लगाया कि कलेक्टर कार्यालय में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की जो बैठक आयोजित हुई, उसमें भी औपचारिकताएं निभाई गई। अधिकारियों ने हर योजना में शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ति होना एवं समस्त सुविधाएं होना बताया, लेकिन जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं का कितना हितग्राहियों को लाभ मिला है एवं कितना ठीक ढंग से क्रियान्वयन हुआ है, यह छुपा हुआ नहंी है। सुश्री भूरिया ने मंत्री के इस दौरे को पूर्ण औपचारिकता बताते हुए इस संबंध में अपना विरोध प्रकट किया है।
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