‘ममता’ भी निकली बेरहम, 28 दिन से मासूम को मां का इंतजार

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झाबुआ, एजेंसीः मां को दुनिया का सबसे पवित्र शब्द माना गया है लेकिन जिले में एक मां की बेरहमी की कहानी सुन किसी की भी रूह कांप जाए। जी हां यह दास्तां है ममता नाम की एक महिला की जिसने अपने नवजात बच्चे के प्रति बिलकुल भी ममता नहीं दिखाई और उसे जन्म देने के कुछ ही मिनटों बाद वह उसे अस्पताल में लावारिस छोड़कर भाग गई।

इस मां ने अपनी इस बेरहमी से अपने नवजात शिशु का जीवन ही खतरे में डाल दिया है। दरअसल, ममता नाम की यह महिला छह दिसंबर को झाबुआ जिला चिकित्सालय में प्रसव के लिए अकेली आई थी। बेटे को जन्म देने के बाद यह महिला उसे अस्पताल में अपने हाल पर छोड़कर भाग गई। अब 28 दिनों से यह बच्चा झाबुआ जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है और अपनी मां के दूध के लिए तरस रहा है।

अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक यह महिला छह दिसंबर को सुबह छह बजकर 35 मिनिट पर भर्ती हुई थी। सात बजकर छह मिनिट पर इसने एक कमजोर बेटे को जन्म दिया था। नवजात के कमजोर होने पर नर्स उसे लेकर आईसीयू में ले गई। नर्स जब वापस लौटी तब तक यह महिला अस्पताल से गायब हो चुकी थी।

इस मामले की जब गहराई से पड़ताल की गई तो पुलिस को खुलासा हुआ कि इस महिला का पति दो साल से जेल में बंद है। ऐसे में पुलिस यह पता लगा रही है कि वह गर्भवती कैसे हो गई। उसके नवजात को यूं लावारिस छोड़कर जाने के पीछे भी इस बात को वजह माना जा रहा है। पुलिस अब उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे खोजने की बात कह रही है।

आदिवासी बहुल जिलों में अक्सर होता है कि यदि बच्चे के होठ और तालू अगर कटे हुए हो तो स्थानीय आदिवासी समाज में कुछ लोग इसे अपशकून मानते हैं और बच्चे की उपेक्षा करते हैं, लेकिन बच्चे के साथ इस प्रकार का व्यवहार कतई नहीं करते।