ईश्वर ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए

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झाबुआ। शांति व प्रेम के देवता येसु मसीह के प्राणों के त्याग का पर्व गुड फ्राईडे पर्व दोपहर तडके स्थानीय न्यू कैथोलिक मिशन स्कूल अंग्रेजी माध्यम में दोपहर 1 बजे से क्रुस मार्ग का आरंभ हुआ, समाज के लोगों द्वारा अपने पापों को याद करते हुए क्षमा पूर्ण हृदय व घुटने टेके आंखों में आंसू लिए उन क्षणों को याद किया जब यीशू मसीह जो कि बेगुनाह थे वे अपने प्राणों को न्योछावर कर रहे थे, वह भी उनके लिए जिनकी उन्होंने मदद की थी। धीरे धीरे पहले क्रुस मार्ग से चोदहवें विश्राम तक समाज के अनुयायियों ने प्रभु यीशू का क्रुस उठाया व प्रार्थना की और उस समय को याद किया जैसा इसा मसीह ने अपनी क्रुस यात्रा के दौरान किया था और कलवारी पहाडी की ओर बढ़े थे। पूरा समाज इस यात्रा के दौरान नतमस्तक हो कर जिस प्रकार यीशू ने कोडों की मार कांटों का मुकुट, क्रुस का भार, बार बार यात्रा के दौरान गिरना, उन पर थुंका जाना, अपशब्द कहा जाना सहा होगा वह भी इस पानी मनुष्यों के लिए इस क्रुस यात्रा का संदेश यह था कि मनुष्यों को अपने पापों का प्रायश्चित अपने जीवन में ही कर लेना चाहिए। क्रुस यात्रा का आरंभ अलग अलग दलों द्वारा किया गया।
किया कडवा पानी वितरित
वैभव खराड़ी ने जानकारी देते हुए बताया कि मिस्सा बलिदान के पश्चात समुदाय के लोगों द्वारा कडवें पानी का सेवन कर धार्मिक लाभ लिया गया। कडवें पानी की व्यवस्था माता मरियम समिति द्वारा की गई। आगे की जानकारी देते हुए बताया कि जब प्रभु येसु के क्रुस पर अंतिम समय में उनकों प्यास लगी तब सैनिकों द्वारा सरकंडे में खटटी अंगूरी पिलाई गई उसी क्षण की याद करते हुए समाज के धर्मावलंबियों द्वारा कडवें पानी का सेवन किया जाता है।

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