राजनीतिक हलचल झाबुआ-अलीराजपुर: “माधौसिंह डावर” की नियुक्ति उनका “फैयरवेल है या पुनः स्थापन* !!

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चंद्रभानसिंह भदौरिया @ चीफ एडिटर

माधौ दादा का फैयरवैल है या वापसी ?

लंबे ओर थकाउ इंतजार के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जोबट विधानसभा उपचुनाव में माधौ दादा से किया वादा निभा दिया और उन्हें वन विकास निगम का अध्यक्ष बना दिया गया .. अब बीजेपी के भीतर लोग इस नियुक्ति को अलग अलग तरह से देख रहे हैं .. कुछ भाजपाई इस नियुक्ति को माधौ दादा का राजनीतिक विदाई का फैयरवेल मान रहे हैं तो कुछ उनके करीबी समर्थक उनको 2023 के विधानसभा चुनावों में पुनः स्थापित करने की पार्टी की योजना मान रहे हैं .. अब सच क्या है यह तो शिवराज सिंह जाने या 2023 अक्टूबर तक का इंतजार कीजिए जब टिकट की घोषणा होगी ..

इधर निर्मला भूरिया की सक्रियता बढ़ी

अक्सर आयोजनों से थोड़ी दुर रहने वाली बीजेपी नेत्री निर्मला भूरिया की सक्रियता बीते कुछ हफ्तों में तेजी से बढ़ी है .. वह पार्टी आयोजनों में अब शामिल हो रही है महिला मोर्चा संगठन की बैठकों में भी सक्रिय हैं उनके समर्थकों की मानें तो पैसा एक्ट के सहारे बीजेपी आदिवासी समुदाय के वोट पाना चाहती है ओर निर्मला भूरिया के पिता स्व दिलीप सिंह भूरिया ने इसे बनाया था इसलिए पार्टी 2023 में उन्हें टिकट अवश्य देगी .. यह बात अलग है कि निर्मला भूरिया पैसा एक्ट के प्रचार प्रसार में पीछे है ओर कांतिलाल भूरिया और उनकी कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे पैसा एक्ट को विसंगति पूर्ण बताने के अभियान के खिलाफ मुखरता नहीं दिखा रही है

झाबुआ का शक्ति प्रदर्शन ओर भीड़

बीते सप्ताह कांग्रेस ने जनाक्रोश रैली के जरिए एक बार फिर अपनी ताकत बताई .. मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जेपी अग्रवाल भी इस शक्ति प्रदर्शन को लेकर खुश दिखाई दिये ओर भुरिया की जमकर तारीफ की .. अब बात जनाक्रोश रैली की संख्या पर हो रही है कुछ कांग्रेसी इसे हजारों की भीड़ बता रहे हैं तो कुछ कम हजार की .. लेकिन एक सप्ताह बाद भी फिलहाल कांग्रेस का संख्या को लेकर जानकारी या राय लेने का सिलसिला जारी है ।

गदगद हुए कांतिलाल भूरिया

झाबुआ से कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया झाबुआ की जनाक्रोश रैली से काफी खुश हैं इसकी एक बडी वजह मंच से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रभारी जे पी अग्रवाल द्वारा यह कहना की भुरियाजी का जोश देखकर तो लगता है कि कांतिलाल भूरिया और विक्रांत भूरिया आपस में भाई भाई है .. दरअसल कांतिलाल भूरिया इस टिप्पणी से इसलिए खुश है क्योंकि बीजेपी बार बार दिग्विजय सिंह के बयान का हवाला देकर उनके रिटायरमेंट का मुद्दा छेड देती थी ..

सरकार हो या संगठन – 6 महीने ही बचे हैं अब

अलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा को लेकर अंदर खाने कई नेताओं ने तैयारियां शुरू कर दी है बीजेपी मे विधायक सुलोचना रावत की सेहत खराब होने से समीकरण तेजी से बदलते दिखाई दे रहे हैं .. यहां अब यह माना जा रहा है कि सुलोचना रावत अब सेहत के चलते स्थाई रिटायरमेंट ले सकती है ओर उनके विशाल रावत उनकी राजनीतिक विरासत को संभालकर आगे बढायेंगे.. लेकिन विशाल रावत के सामने अभी पहाड़ सी चुनौतियां सामने है .. पहले मां की सेहत का ध्यान रखना ओर बार बार मुंबई जाना पड़ रहा है .. ओर इधर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों से संवाद बनाए रखना भी चुनौतीपूर्ण है .. अब 6 महीने ही सरकार के कामकाज के बचे हैं यह माना‌ जा सकता है इसलिए भागीरथी प्रयास योजना बनाकर विशाल रावत को करने वाले .. वहीं अब 2023 के लिए बीजेपी के भीतर भी दावेदारों की फौज अंदरुनी तैयारी में जुटी है