गौमाता की सेवा व उनके उत्पाद से कई समस्याओं से निजात पा सकते हैं-कपिला दीदी

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चंद्रशेखर आजाद नगर। गौ माता के आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ भौतिक जीवन में कई समस्याओं का निराकरण उनके चरण रज से लेकर गोबर,दूध व दूध से निर्मित  दही,घी के द्वारा मनुष्य अपने शारीरिक और मानसिक कष्टों का निराकरण कर सकता हैं| गाय के दूध का उपयोग करके बच्चों की बुद्धि को कुशाग्र बना सकते हैं। गाय के गोबर से चर्म रोग से लेकर रेडिसन जैसी समस्या से भी निराकरण पाया जा सकता हैं। प्रत्येक व्यक्ति को गाय का महत्व समझना चाहिए। अपने घर में यदि हो सके तो गाय का पालन अवश्य करना चाहिए। गौ माता की सेवा से व्यक्ति अपनी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर सकता हैं वह चाहे तो गौ कृपा से अपना जीवन सफल बना सकता हैं। 

यह बात गौ कथा के तीसरे दिन गौ कथा के दौरान पूज्या कपिला दीदी ने उपस्थित कथा श्रावकों से नगर के आजाद प्रांगण में कही। कथा के दौरान पूज्या कपिला दीदी ने कहा कि बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए मां के गर्भ से ही बच्चों के उत्तम संस्कार निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाता हैं। यदि माता बहन ने गर्भ धारण किया हैं तो उसे शास्त्रों का अध्ययन करते हुए अपने बच्चों को गर्भ से ही संस्कारित करने की जवाबदेही का निर्वहन करना चाहिए। बच्चों के आधुनिक नामों से अच्छा हैं सनातनी धर्म के अनुरूप उनके नाम रखना चाहिए। कपिला दीदी ने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि किसी बच्चे का नाम नारायण हैं तो माता पिता अपने अंत समय में ईश्वर को याद करे ना करे अपने पुत्र का नाम भर का उच्चारण करने ले तो नारायण स्वयं प्रकट हो जाते हैं। जिससे वृद्धावस्था के अंत में कई बार मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो जाता हैं। इसलिए बच्चों का नामकरण संस्कार ईश्वर के नाम पर होना चाहिए। कथा सुनने के लिये नगर सहित बरझर,जोबट अलीराजपुर सहित अनेक स्थानों से गौ भक्त उपस्थित हुए थे। कथा का समापन यजमानों के द्वारा गौ माता की पूजा आरती प्रसादी के साथ किया गया।

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