आखिर कब मिलेगी विद्यार्थियों को गणवेश, अधिकारी स्कूलों तक गणवेश पहुंचाने में नहीं दिखा रहे गंभीरता

May

आरिफ हुसैन, चन्द्रशेखर आज़ाद नगर

लगता है इस सत्र भी विद्यार्थियों को समय पर गणवेश नहीं मिलेगी। क्योंकि 8 जुलाई को जब अलीराजपुर लाइव प्रतिनिधि ने कुछ स्कूलों का दौरा किया तो वहां फिर से बच्चे रंग-बिरंगे कपड़ों में बैठे नजर आए।

अंजली पिता रमेश कक्षा 4 थी कि बालिका को ड्रेश नही मिली।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने भांजे-भांजियों के लिए कई योजनाएं चला रखी है। उसमें से एक है स्कूल में दी जाने वाली निशुल्क गणवेश। लेकिन नए शैक्षणिक सत्र में भी विद्यार्थियों को गणवेश नहीं मिल पाई है। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थी रंग बिरंगे कपड़ों में स्कूलाें में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों ने कई स्कूलों में अब तक गणवेश पहुंचाई ही नहीं है। जबकि गणवेश बनाने वाले एनआरएलएम का दावा है कि उन्होंने चंशेआ नगर क्षेत्र की सभी संकुलों में गणवेश पहुंचा दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पहुंचा दी है तो बच्चे पहनकर क्यों नहीं आ रहे।

युवराज पिता मड़िया कक्षा 3 री ड्रेश नही मिली है

नही जागा शिक्षा विभाग, खण्ड शिक्षा अधिकारी कुंभकर्णीय नींद में

आलीराजपुर लाइव ने 5 जुलाई को विकासखंड की स्कूलाें में जाकर स्थिति देखी थी, तब बच्चे रंग बिरंगे कपड़ों में बैठे दिखाई दिए। विद्यार्थियों से पूछने पर बताया कि उन्हें गणवेश नहीं मिली थी। 8 जुलाई आलीराजपुर लाइव ने एक बार फिर स्कूलों का दौरा किया तो आज़ाद नगर विकासखंड के प्राथमिक उत्कृष्ट विद्यालय कुक्षी में देखा तो सभी बच्चे बिना ड्रेश में दिखाई दिए। यहां पहली से पांचवी तक 88 बच्चे दर्ज है। खबर लगने के बाद भी शिक्षा विभाग के सर पर जूं तक नही रेंगी। किसी एक स्कूल में सुधार कर लेने से विकासखण्ड का नाम रोशन नही होगा। ग्रामीण में ऐसे कई विद्यालय बाकी है जहाँ 8 जुलाई तक भी गणवेश अब तक नही पहुचीं है। सभी विद्यालय को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी को जमीनी हकीकत समझनी होगी, तभी तो विद्यालयों की दशा और दिशा में सुधार आएगा। जैसे ऊंट (आफिस) पर बैठकर बकरियां चराने वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।