आरिफ हुसैन
चंद्रशेखर आजाद नगर। भावी पीढ़ी के लिये यदि प्राकृतिक व कृत्रिम संसाधनों को बचाए रखना है तो वर्तमान पीढ़ी को उन संसाधनों को सीमित मात्रा में उपयोग की आदत डालना होगी। साथ ही ऐसे संसाधनों का बनाएं रखने के लिए रिसाईकल व रिचार्ज जैसी वस्तु के उपयोग को बढ़ावा देना होगा। पानी को बचाना हैं तो बारिश का पानी हो या घर का पानी उसे संरक्षित करना सीखे। वन्य जीव, पशु-पक्षियों को बचाना हैं तो उनके लिए उनके अनुकूल जंगल को बचाना व बढा़ना होगा।

बिजली को बचाना हैं तो उसके दुरूपयोग को रोकना होगा। प्रकृति को बचाना हैं तो प्लास्टिक व डीजल ,पेट्रोल के उपयोग को सीमित करना होगा। यह बात वन विभाग के द्वारा आलीराजपुर जिले के मिनी कश्मीर कठ्ठीवाडा़ के सघन वन क्षेत्र में वन विभाग की ओर से चाटलिया पानी में आयोजित अनुभूति कैंप में उत्कृष्ट व मॉडल विद्यालय के छात्र-छात्राओं से रेंजर संदीप रावत ने कही। वन विभाग के अनुभूति कैंप के तहत उत्कृष्ट विद्यालय एवं मॉडल स्कूल चंद्रशेखर आजाद नगर के करीब 120 बच्चों रेंजर संदीप रावत के नेतृत्व में कठ्ठीवाड़ा क्षेत्र के सघन वन का भ्रमण किया। जहां पर वन विभाग की ओर से रेंजर रावत व अनुभूति प्रेरक सुनिल डूडवे व महेश सुलिया ने बताया कि इस वन क्षेत्र में कौन-कौन से पेड़ बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं तथा औषधि रूप में इनके क्या उपयोग है। वन क्षेत्र में पाए जाने वाले वन्यजीवों के पदचिन्हों व मल को दिखाकर वन क्षेत्र में तेंदुए की पुष्टि की।
