रतलाम-झाबुआ फोरलेन निर्माण के प्रयास तेज, पेटलावद को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा…

पेटलावद में यहां से निकल सकता है फोरलेन, सबकुछ जानिए इस ख़बर में...

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सलमान शैख@ झाबुआ Live 

रतलाम-झाबुआ फोरलेन के लिए अब फिर से प्रयास तेज हो गए हैं। योजना के अनुसार रतलाम से झाबुआ 104 किमी का नया फोरलेन बनाने की योजना पर अब काम किया जाएगा। यह संभावित फोरलेन झाबुआ से कल्याणपुरा, रायपुरिया होते हुए पेटलावद आएगा और यहां से रतलाम की ओर जाएगा। करीब 104 किमी लंबा फोरलेन बनाने की तैयारी की जा रही है। इसकी लागत 2 हजार करोड़ रुपये है और 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। इस नए फोरलेन का नाम होगा-“एनएच-147 ई”। लोक निर्माण विभाग ने झाबुआ के नवागांव से रायपुरिया तक 47.6 किमी सड़क नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को सौंप भी दी। दूसरे चरण में आगे के हिस्से में बनी सड़क का हस्तांतरण किया जाएगा। सर्वे का काम पूरा हो चुका है। निजी जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई होना बाकी है। इसके बाद टेंडर जारी होंगे।

गौरतलब है कि झाबुआ से रतलाम के बीच फोरलेन बनाने की घोषणा पहले भी हुई थी। साल 2018 में इसका सर्वे भी शुुरू हो गया था, लेकिन सर्वे के बाद यह फोरलेन निर्माण फाइलों में कैद होकर रह गया था। अब दोबारा से इस फोरलेन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस फोरलेन निर्माण से सबसे ज्यादा फायदा किसी शहर को होगा तो वह है पेटलावद शहर। पेटलावद जो कि दो राज्यों से सटा हुआ है। यहां हर राज्य शहर के लोग पहुंचते हैं। इसके लिए वे टैक्सी या बस से सफर करते हैं, लेकिन रोड खराब होने के कारण उन्हें परेशान होना पड़ता है। इसलिए अब दोबारा इस फोरलेन निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद पेटलावद को सबसे ज्यादा फायदा मिलते दिखेगा।

यह रह सकती है सड़क की चौड़ाई:

विभागीय सूत्रों की मानें तो इस फोरलेन सड़क की चौड़ाई जमीन की उपलब्धता के अनुसार कहीं 60 मीटर तो कहीं 65 मीटर और कहीं इससे भी थोड़ी कम हो सकती है। हालांकि यह फोरलेन सड़क बेहतर यातायात व्यवस्था के लिहाज से उन्नत किस्म की होगी, जिससे आदिवासी अंचल में सफर करना सुगम और सुहाना होगा। इसे लेकर सभी को उत्सुकता है। इस फोरलेन के लिए नए सर्वे के हिसाब से शुरू होगा या पुराने सर्वे के हिसाब से ही जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया के बाद मुआवजा की प्रक्रिया कर फोरलेन निर्माण किया जाएगा यह फिलहाल स्पष्ट नही है। जानकारो की माने तो पुराने सर्वे के हिसाब से ही यह फोरलेन बन सकता है।

यहां से गुजरेगा फोरलेन:

दरअसल अभी झाबुआ से रतलाम तक सिंगल पट्टी रोड है। जिसके चलते झाबुआ से रतलाम पहुंचने में करीब दो घंटे लगते हैं। नया 60 मीटर चौड़ा फोरलेन बन जाने से यह दूरी सवा घंटे में ही तय हो जाएगी। झाबुआ से रतलाम तक बनाए जाने वाला नया फोरलेन झाबुआ के नवागांव से शुरू होगा। यहां से कल्याणपुरा, रायपुरिया, पेटलावद, करवड से रानीसिंग, पलाश, छायन, मूंदड़ी, कुआझागर, कालमोड़ा, तितरी, मांगरोल, करमदी, सालाखेड़ी होते हुए रतलाम से मिलेगा।

पेटलावद में यहां से गुजर सकता है फोरलेन:

अगर बात पेटलावद की करें तों रतलाम से झाबुआ तक फोरलेन निर्माण में जो वर्ष 2018 में सर्वे हुआ था, अगर उसे मानें तो पेटलावद से करड़ावद स्थित मॉडल स्कूल के पीछे से होता हुआ। मलीन बस्ती के पहले होते हुए ट्रेंचिंग ग्राउंड और फिर पंपावती नदी से पुल के माध्यम से पेटलावद के रायपुरिया रोड को क्रास करते हुए जाएगा। हालांकि विभागीय सूत्रों का कहना है कि झाबुआ से रतलाम तक फोरलेन निर्माण पुराने सर्वे के हिसाब से होने की उम्मीद थोड़ी कम है। हां, यह जरूर है कि अगर एनएचआई चाहे तो इस सर्वे में थोड़ा बहुत फेरबदल कर दे और फोरलेन का निर्माण करे।

रतलाम से अहमदाबाद जाना आसान होगा:

इसके फोरलेन के बन जाने से रतलाम क्षेत्र के हजारों यात्री कम समय तथा बिना परेशानी के अहमदाबाद पहुंच जाएंगे। शासन की भी योजना है कि एक हाईवे से दूसरे फोरलेन हाईवे को फोरलेन से जोड़ा जाए ताकि यात्री बाधा रहित यात्रा कर अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। इससे एक ओर जिससे लाखों लीटर वाहनों के ईंधन की बचत होगी वहीं पर्यावरण सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा। साथ ही वाहनों के रखरखाव पर होने वाला खर्च कम होगा।

जंक्शन के रूप में देखा जाएगा पेटलावद शहर:

इस फोरलेन रोड के जाल में पेटलावद को जक्शन के रूप में देखा जाएगा, क्योंकि बदनावर और रतलाम से आने वाले दोनों ही मार्गो को पेटलावद में जोड़ा जा सकता है। इससे पेटलावद जंक्शन के रूप में उभरेगा तथा पेटलावद को इसका सर्वाधिक लाभ भी मिलेगा। साथ ही नगर में यातायात की समस्या से भी निजात मिलेगी। बड़े वाहनों का आवागमन बाहर से हो जाएगा। थांदला-बदनावर मार्ग की बात की जाए तो अभी इस संबंध में कोई योजना नहीं है। आगे वाले चरण में इस मार्ग को लिया जा सकता है।

उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा:

शासन द्वारा जो योजना बनाई गई है, उसमें पेटलावद क्षेत्र को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने में सड़कें सबसे बड़ा रोल अदा करेगी। कारण पेटलावद, रतलाम, राजस्थान, गुजरात, इंदौर व उज्जौन, भोपाल सहित अन्य स्थानों पर जाने के लिए पूर्ण सुविधा मिलेगी। इस कारण से कसारबर्डी औद्योगिक क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।

पिता जी और मैंने किए थे प्रयास:

पेटलावद की पूर्व विधायक व पूर्व राज्य मंत्री निर्मला भूरिया ने बताया कि रतलाम जिले को झाबुआ और आलीराजपुर से जोड़कर तीनों जिलों के लोगों को सुगम सफर के लिए उनके पिता पूर्व सांसद दिलीपसिंह भूरिया ने प्रयास किए थे। यही वजह थी कि वर्ष 2018 में इस फोरलेन निर्माण के लिए सर्वे शुरू हो गया था। इस फोरलेन निर्माण के लिए पेटलावद विधानसभा के रहवासियों को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। इसके बनने के लिए निरंतर प्रयास मैंने भी किए थे, लेकिन कांग्रेस की सरकार आते ही फोरलेन निर्माण की प्रक्रिया बंद हो गई थी। अब दोबारा हमारी सरकार केंद्र और राज्य दोनों में है। हमें उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास है कि यह फोरलेन निर्माण जल्द शुुरू होगा और इसका लाभ मेरे विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ झाबुआ जिले को मिलेगा।

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