पुलिस अधीक्षक बखतगढ थाने का निरीक्षण किया, ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से भी की चर्चा

May

आलीराजपुर। 21 अगस्त को पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास के द्वारा जिला अलीराजपुर मे पदस्थापना के बाद पहली बार थाना बखतगढ का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर के साथ एस.डी.ओ.पी. आलीराजपुर रूपेन्द्र कुमार धुर्वे भी उपस्थित थे। 

पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर राजेश व्यास के द्वारा निरीक्षण के दौरान थाना प्रभारी बखतगढ निरीक्षक सोनू सितोले एवं इनके अधीनस्थ थाने पर उपस्थित समस्त अधि0/कर्म0 से चर्चा कर थानाक्षेत्र की बीट संबंधी जानकारी ली गई तथा थानें में लंबित प्रकरणों का समयसीमा में त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिये, साथही महिला/बच्चों पर घटित अपराधों में संवेदनशीलता बरतने के लिये गहा गया तथा थाना परिसर का निरीक्षण कर थाने पर जप्तशुदा वाहनो का निराकरण व थाना परिसर की स्वच्छता बनाये रखनें के निर्देश दिये गये। बीट अधिकारीयो को अपने-अपने बीट क्षैत्र में शांती व्यवस्था कायम कर अपराधो कि रोकथाम एवं आगामी विधान सभा चुनाव को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।  थाना प्रभारी बखतगढ को मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी निर्देशो के पालन मे साप्ताहिक अवकाश थाने पर पदस्थ अधि0/कर्म0 को रोस्टर अनुसार देने हेतु निर्देशित किया गया।  

निरीक्षण के दौरान ही थाना परिसर मे कस्बा बखतगढ व थाना क्षेत्र के आसपास के ग्रामो के गणमान्य नागरिको, जन प्रतिनिधियों एवं ग्राम रक्षा समिती के सदस्यो के द्वारा पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर का स्वागत किया गया तथा चर्चा के दौरान क्षैत्र की कठिनाईयों एवं समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित कर उनके निराकरण हेतु अनुरोध किया गया, जिस पर पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर के द्वारा सभी से चर्चा कर उनके द्वारा बताई गई समस्याओं के निराकरण के संबंध में आश्वस्त किया गया तथा जिले में कानून-व्यवस्था बनाये रखनें हेतु सभी से पुलिस का सहयोग करने की अपील की गई है।

निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक अलीराजपुर राजेश व्यास थानें के समीप स्थित स्कूली छात्र/छात्राओं से भी रूबरू हुये व बच्चों से चर्चा कर उनके स्कूली अध्ययन के बारें में जानकारी ली गई तथा बच्चों से सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे गये, जिस पर बच्चों के द्वारा सही उत्तर देनें पर पुलिस अधीक्षक के द्वारा तुरंत ही बच्चों को प्रौत्साहन स्वरूप उन्हें डाईंग बुक एवं कलर पेंसील बॉक्स से पुरस्कृत किया गया। बच्चों को सॉयबर अपराधों के प्रति संवेदनशील रहनें, यातायात नियमों के पालन करनें के लिये आग्रह किया गया व जागरूक होकर पूरी ईमानदारी से पढाई करनें के लिये प्रौत्साहित किया, साथही बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये उन्हें करियर मार्गदर्शन भी दिया गया।