रिजवान खान अलीराजपुर। कलेक्टर शेखर वर्मा ने बताया कि जिले में हाटबाजारों में आमजन की शिकायत पहले की तरह सुनी जाएगी। सभी मैदानी कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि वे पूर्ववत हाटबाजारों में आमजन की शिकायत सुनें। हाटबाजारों में सामाजिक सुरक्षा पेंशन,आम बीमा,पात्रता पर्ची,शिक्षा ऋण, रोजगार मूलक योजनाओं आदि हितग्राही मूलक योजनाओं संबंधित शिकायतों के ही आवेदन लिए जाएंगे। शिकायतों का निराकरण करने के दोरान शिकायतकर्ता को अनिवार्यतः सुना जाए और निराकरण पश्चात आवेदक से पूछा जाए कि उसकी समस्या का निराकरण हो गया अथवा नहीं । उन्होेने निर्देशित किया कि जनश्रुति एवं हाटबाजारों में प्राप्त आवेदनों में से कितनों का निराकरण हुआ इसकी सूची तैयार कर जिला मुख्यालय पर उपलब्ध कराए।
पशुधन बीमा योजना गंभीरता से ली जाए
कलेक्टर वर्मा ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि विभाग द्वारा पशुधन बीमा योजना गंभीरता से लिया जाए एवं माॅनीटरिंग जिला स्तर से लेकर ग्रामीण स्तर तक होनी चाहिए। समस्त पशु चिकित्सक को निर्देश दिए कि हाटबाजारों में शिविर के माध्यम से आमजनों को लाभ दिया जाए। विभाग द्वारा जिले में शिविर लगाया जाए व ग्रामीणों को पशुधन बीमा से जोडा जाए ।
पेंशन न मिलने की शिकायत हाट बाजारों में दर्ज कराएं
कलेक्टर ने कहा है कि जिले में शासन की विभिन्न योजनाओं में पेंशन की पात्रता रखने वाले समस्त हितग्राहियों को यदि संबंधित विभागों द्वारा पेंशन की स्वीकृत राशि उनके खातों में जमा नहीं की जा रही हो तो ऐसे व्यक्ति हाट बाजार में पहुंच कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। अगर हाट बाजार में संबंधित अधिकारी मौजूद ना रहे तो इसकी सूचना तत्काल जिले के सम्बंधित कार्यालय पर दर्ज करा सकते है वे अपनी पेंशन संबंधी शिकायत आॅनलाइन जनश्रुति पोर्टल पर भी दर्ज करा सकते है।
निराकरण न करने पर कार्रवाई
कलेक्टर ने कहा है कि जिले में जनश्रुति पोर्टल पर कतिपय अधिकारियों ने शिकायतों का निराकरण समाधानकारी न करके असत्य जानकारी इन्द्राज कर दी है उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला स्तर से फोन-इन व्यवस्था से आवेदकों से शिकायत संबंधी समस्या के निराकरण का पूछा जाएगा। यदि संबंधितों द्वारा समाधानकारी निराकरण नहीं किया गया तो उनके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर वर्मा ने कहा है कि हितग्राहीमूलक योजनान्तर्गत कोई भी प्रकरण लंबित पाया जाएगा तो संबंधित विभाग का अधिकारी जिम्मेदार होगा।