अलीराजपुर लाइव के लिए अलीराजपुर से रिजवान खान की रिपोर्ट-
जिला मुख्यालय से 13 किण्मी की दुरी पर ग्राम सोरवा में चोरी-छीपे एक प्रायवेट विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। इस संबंध में ग्राम सोरवा के दिलीप किराड़ ने कलेक्टर शेखर वर्मा को एक आवेदन के माध्यम से उक्त विद्यालय के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराकर विद्यालय के संचालकों पर कड़ी जांच पड़ताल कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने हेतु एक आवेदन दिया।
आवेदन में है यह
आवेदन में दिलीप किराड़ ने बताया है कि ग्राम सोरवा विकासखंड कठ्ठीवाड़ा में अपना परिचय बिना बताये प्राइवेट स्कूल संचालित की जा रही है। स्कूल का नाम सरस्वती ज्ञान मंदिर सोरवा है। इसका संचालन पिछले एक वर्ष से किया जा रहा है। स्कूल में 140 बच्चे है और 4 शिक्षक है। जो कि किसी निजी निजी व्यक्ति के मकान को किराये से ले रखा है। इतने बच्चे एक साथ एक ही कमरे में पढ़ते है। तथा इनका खाना पीना रहना आदि में इसी मकान का उपयोग करते है।
इस स्कूल में प्रत्येक बच्चे से हर माह 600 रुपए फीस ली जाती है। ग्राम के लोगों ने इनसे परिचय के बारे में पूछा गया कि तुम कहाँ के रहने वाले हो, कहां रहते हो रहते है तो जवाब में उन लोगों ने बताया कि हम मेघनगर के रहने वाले है। तो हमने पूछा कि आपका मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड आदि बताये। क्या आपने शाला को संचालित करने हेतु ग्राम के किसी मुखिया से या ग्राम के थाने से, कलेक्टर से अनुमति या जानकारी ली है तो हमें बताए, तो इसका स्कूल के संचालक सही जवाब नहीं दे पा रहे है। जब उनसे पूछा गया कि तुम तुम्हारे ग्राम में नहीं पढ़ा सकते हो। क्यों तकलीफ करके इतने दूर हमारे ग्राम सोरवा आये हो। इनकी बातों से पता चलता है कि ये मास्टर लोग बुन्देली-यूपी की भाषा बोलते है।
आगे आवेदन में यह भी बताया गया कि हमें इन पर आपत्ति इसलिये है क्योंकि कुछ सालों पहले जिले के विकासखण्ड सोण्डवा में ऐसी घटना हुई थी जब एक मास्टर ने किसी के यहां किराये से रहकर उस मकान मालिक की मासूम बच्ची के साथ घिनौनी हरकत की थी और उसे मार डाला था। जबसे न तो आज तक उस मास्टर को पूरे प्रदेश की पुलिस पकड़ सकी है और न ही पता कर सकी है। आवेदनकर्ता दिलीप किराड़ ने कलेक्टर से आवेदन के माध्यम से निवेदन किया है कि स्कूल संचालक से इनकी पूरी जानकरी ली जाकर यदि गलत या संदिग्ध पाये जाते है तो इन पर कार्यवाही की जावे।
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