विधायक के आरोपो का नगरपालिका अध्यक्ष ने किया खंडन, कहा कि सबूत दे अन्यथा मानहानि का ठोकेंगे दावा

May

पियुष चन्देल अलीराजपुर

आलीराजपुर नगरपालिका के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमितिकरण किए जाने के नाम पर नगरपालिका अध्यक्ष सेना महेश पटेल एवं कर्मचारियों द्वारा कथित रुप से रुपए लिए जाने संबंधी आलीराजपुर विधायक नागरसिंह चौहान द्वारा लगाए गए आरोपों को नपा अध्यक्ष सेना पटेल एवं जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष महेश पटेल ने पूरी तरह से निराधार एवं झूठा बताया हैं। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके श्रीमती सेना पटेल ने बताया कि बिना सबूत के इस प्रकार झूठा बेबुनियाद आरोप लगाया जाना घोर निंदाजनक व शर्मनाक है। एक संवैधानिक पद पर बैठे विधायक नागरसिंह को इस प्रकार आरोप लगाया जाना शोभा नहीं देता है। यह मुझे एवं मेरे कर्मचारियों को बदनाम करने की गहरी साजिश है।  नपाध्यक्ष के पति महेश पटेल ने कहा की निकटतम विधानसभा चुनाव में विधायक नागरसिंह चौहान अपनी सुनिश्चित हार को देखते हुए बौखला रहे है, और बिना सबूतों के नपा अध्यक्ष सेना पटेल पर अनर्गल आरोप लगाकर जनता का ध्यान क्षेत्र की समस्याओं से हटाते हुए इधर उधर के मुद्दों पर फोकस करने की असफल कोशिश कर रहे है। नपाध्यक्ष ने बताया कि नगरपालिका और नगर पंचायत में पात्र व योग्य दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमानुसार नियमित करे जाने संबंधी कार्रवाई पूरे प्रदेश में शासन स्तर पर चल रही है। इसी के तहत नगरपालिका आलीराजपुर में भी छानबीन समिति द्वारा योग्य व पात्र कर्मचारियों को नियमानुसार नियमितिकरण संबंधी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। किंतु कर्मचारियों से रुपए वसूल करे जाने संबंधी जैसी कोई बात नहीं है, और यदि मेरे द्वारा किसी भी कर्मचारी से रुपए मांगे जाने का कोई सबूत हो तो विधायक पेश करे। नपाध्यक्ष सेना पटेल व कांग्रेस नेता महेश पटेल ने कहा कि इस मामले में हम विधायक के खिलाफ मानहानि का दावा ठोंकेंगे। पटेल दंपती ने आरोप लगाया कि विधायक स्वयं अपने गिरेहबान में झांककर देखे कि गरीबों के हक की लड़ाई लड़ने का झूठा व खोखला दावा करने वाले विधायक नागरसिंह चौहान इन 15 सालों में भय, आतंक व भ्रष्टाचार के माध्यम से करोड़ों अरबों की चल अचल संपत्ति के मालिक बन चुके है। अपने चहेते लोगों के माध्यम से विधायक स्वयं लाखों करोड़ों रुपए की सरकारी कार्यालयों में सप्लाय करवा रहे है। ऐसे ही एक मामले में गत दिनों एक शासकीय कार्यालय के अधिकारी ने जब इनके चहेते कार्यकर्ता को सप्लाय का आर्डर देने से मना कर दिया तो इनके द्वारा जिला प्रशासन पर दबाव डालकर उस अधिकारी को जबरन ही पद से हटाकर उसका तबादला करवा दिया, जबकि उस अधिकारी के द्वारा जिले की शिक्षा व्यवस्था में बहुत ही संतोषजनक कार्य करते हुए शिक्षा का स्तर बहुत सुधारा गया था। जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष पटेल ने आरोप लगाया कि विधायक सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों को डरा धमका कर भारी कमीशन खोरी का खेल कर रहे है।