विद्यार्थियों को तिलक लगाकर किया स्वागत, बाटी नि:शुल्क साईकिल व पुस्तके

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 अजय मोदी@वालपुर

शैक्षणिक सत्र के प्रथम दिवस स्कूभ चले हम अभियान के द्वितीय चरण में शाला का प्रारंभ नवीन प्रवेशित छात्र को प्रवेश उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया । माध्यमिक एवं हाईस्कूल कुलवट में छात्र को तिलक लगाकर अथितियो द्वारा स्वागत किया गया । और शासन से प्राप्त नि:शुल्क पाठय पुस्तके एवं साईकिलो का वितरण किया गया । संकुल प्राचार्य कुलवट अकलसिंह रावत ने बताया कि प्रथम दिवस को ही पात्र छात्रो को नि:शुल्क साईकिले एवं पुस्तके प्रदाय करने पर बच्चो के चहरे खिल उठे और पैदल आये छात्र अपनी साईकिल से घर पहुचे । पहली बार सत्र आरंभ के दिन ही शासन की योजनाओ का छात्र को सुविधा प्राप्त हुई है । प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ग्राम पंचायत कुलवट के सरपंच भालका जमरा , बीआरसी भंगूसिंह तोमर, बीएसी रायसिंह अवास्याह, कलसिंह डावर एवं सागरसिंह निंगवाल विशेष रूप से उपस्थित रहे । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीआरसी श्री तोमर ने बताया कि पालक एवं अभिभावक अपने बच्चो को शाला न भेजकर अपने पैर पर कुल्हाडी मारने जैसा कार्य करते हुए बच्चो के भविष्यि के साथ खिलवाड कर रहे है । छात्रो से आव्हान किया कि वे नियमित शाला में आये और शिक्षको के द्वारा दिये मार्गदर्शन अनुसार नियमित मन लगाकर पढाई करने एवं उनके मार्गदर्शन को आत्मशात करने के लिए प्रेरित किया । साथ शासन की नि:शुल्क मिलने वाली सुविधाओ का लाभ उठाते हुए प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक मिलने वाली योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी । बीएसी रायसिंह अवास्या ने छात्र को नियमित शाला आने एवं अन्य छात्रो को भी साथ में लाने हेतू प्रेरित किया । कार्यक्रम को ग्राम पंचायत कुलवट के सरपंच भालका जमरा, संकुल प्राचार्य अकलसिंह रावत जनशिक्षक , कांतीलाल ठकराला, शिक्षक कैलाश खरत ने भी संबोधित किया । माध्यामिक शाला कुलवट में नवीन 14 छात्रो एवं हाईस्कूल कुलवट मे 25 नव प्रवेशित छात्रो को अतिथीयो के द्वारा नि:शुल्कं पुस्तके एवं 20 पात्र छात्रो को साईकिले वितरण की गई इस अवसर पर जनशिक्षक कारसिंह कनेश, शिक्षक प्रवीण पुरोहित, मुरसा अवास्या , तुरली मण्ड लोई, सनबाई बामनिया एवं शाला प्रबंध समिति के सदस्य सुरेश नरगांवा, खलसिंह नरगांवा, रेलिया, जब्बतरसिंह आदि उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन बीएसी कलसिंह डावर एवं आभार शिक्षक जगनसिंह खरत माना ।

 

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