मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
क्षेत्र में गर्मी का मौसम ठीक से प्रारंभ भी नहीं हुआ था कि अचानक आसमान में छाए काले बादलों ने मौसम बदल दिया 6 मार्च को हल्की बूंदाबांदी के बाद शीतलहर की ठंडी हवाओं ने ठंड बढ़ा दी कृषक वर्ग चिंतित नजर आ रहे हैं ठंड बढ़ने से शीतल पेय की बिक्री पर भी असर पड़ रहा है ।यह समय क्षेत्र में खड़ी रबी की फसल की कटाई का है खेतों में जिन्होंने जल्दी बुवाई की थी उन खेतों में गेहूं तथा चने की फसल पककर खड़ी है कहीं-कहीं कटाई भी हो रही है हल्की गर्मी के साथ क्षेत्र में आदिवासी लोक उत्सव भगोरिया भी चल रहा है । इसी बीच 6 मार्च की सुबह अचानक मौसम में परिवर्तन हुआ आसमान पर काले बादल छाए तेज हवा के साथ ही हल्की बूंदाबांदी हुई । इसके बाद दोपहर को धूप निकली मगर शीतलहर के कारण धूप में गर्मी का अभाव रहा हल्की बूंदाबांदी के कारण मावठे की आशंका के कारण कृषक चिंतित है पक कर तैयार खड़ी गेहूं चने की फसलों तथा काटी गई ।फसलों को हानि की आशंका तथा फसलों को हवा के कारण होने वाले नुकसान से कृषक चिंतित हैं ।फसलें खेत में आड़ी बीछ गई है जिससे भी हानि संभव है ।इधर क्षेत्र में आदिवासी समुदाय का भगोरिया मेला साप्ताहिक हाट बाजार के दिन चल रहे हैं जिसमें मस्ती हल्की गर्मी में छाती है तथा शीतल पेय तथा खाद्य सामग्री की जमकर बिक्री होती है मौसम में ठंडक घुल जाने के कारण भगोरिया मेले में इन सामग्रियों की बिक्री नहीं होने से व्यापारी चिंतित है हजारों का माल दुकानों में भर कर बैठे व्यावसाई मायूस नजर आ रहे हैं अभी तक क्षेत्र में चार भगोरिया मेले लग चुके हैं अब तीत मेले शनिवार रविवार सोमवार अंतिम है यदि मौसम बिगड़ा तो भगोरिया मेले की रौनक ही मिट जाएगी ।
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