मेघनगर ब्लॉक बना अमानक शराब खपाने का तस्करों के लिए पनागाह, ट्रकोबंद गुजरात-राजस्थान राज्यों में खपाई जा रही शराब

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झाबुआ लाइव के लिए मेघनगर से भूपेंद्र बरमण्डलिया की रिपोर्ट

मेघनगर विकासखंड के ग्राम रंभापुर, खच्चरटोड़ी व आसपास के दुरुस्थ अंचलों के गांवों में जमकर अवैध शराब को वैध बनाकर खपाई जा रही है। ऐसा नहीं है कि शराब का यह अवैध अकेले माफिया द्वारा किया जा रहा है बल्कि शराब के इस अवैध कारोबार को आबकारी व जिम्मेदार पुलिस विभाग का खुला संरक्षण मिला हुआ है, जिससे क्षेत्र में कई छोटे शराब व्यापारियों ने दुकाने खोल ली है और खुलेआम अवैध शराब व्यवसाय में शामिल होकर क्षेत्र में जमकर शराब बेची जा रही है। इसी के साथ अवैध शराब परिवहन का धंधा भी इस क्षेत्र में जमकर पैर पसार चुक है। गुजरात व राजस्थान की सीमाओं से सटे होने के चलते शराब तस्करी से जुड़े माफियाओं के वाहन ट्रक, जीप, कार से लोड होकर निकलती है, तो कई पुलिस चौकिया इस क्षेत्र में आती है लेकिन जिम्मेदार पुलिस व आबकारी विभाग ने यहां पर एक मुहिम चलाकर कार्रवाई करने की अभी तक जेहमत नहीं उठाई है। वजह साफ आर्थिक सद्भावना के चलते यह सब कुछ धड़ल्ले से जारी है। विडंबना यह है कि आबकारी व पुलिस विभाग के जिम्मेदारों को क्षेत्र में अवैध धंधों को रोकने के लिए राज्य शासन की ओर से मोटी तनख्वाह प्रतिमाह मिलती है, लेकिन जिम्मेदार है कि वे शासन की ड्यूटी करने की बजाय तस्करों से आर्थिक सद्भावना बनाकर इनकम को दोगुना करने में जुटे हुए हैं।

खुलेआम बिक रही एक्सपायरी डेट की शराब-
अंचल के ग्रामीणों की अशिक्षा का शराब तस्कर जमकर उठा रहे हैं, वे आउट ऑफ डेट या एक्सपायरी हो चुकी है शराब को इस क्षेत्र के लोगों में जमकर परोसने में मशगुल है। ऐसा नहीं है इन सबको रोकने के लिए जिम्मेदार विभाग व आला अफसरों को इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन वे आर्थिक हित साधने के बाद शराब व्यवसायियों को यह सब कुछ खुलकर करने की छूट प्रदान कर रखी है। एक्सपायरी हो चुकी है शराब का सेवन कर रहे ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ रहा है और वे फेफड़ों के संक्रमण की चपेट में है। साथ ही अमानक स्तर की शराब के कारण ग्रामीणों को जान से सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है।

शराब तस्करों के लिए गढ़ बना मेघनगर ब्लॉक-
शराब तस्करों के लिए मेघनगर क्षेत्र काफी फायेदमंद साबित हो रहा है। इस क्षेत्र में रंभापुर, मांडली, मदरानी, होकर शराब सीधे गुजरात व राजस्थान प्रांत में वाहनों द्वारा धड़ल्ले से पहुंचाई जा रही है। सुदूर अंचल होने के चलते इन मार्गों से शराब का परिवहन धड़ल्ले से किया जा रहा है यहां से निकलने वाले वाहनों को शायद ही कभी किसी जिम्मेदार अमले ने चेकिंग की हो या उन पर कार्रवाई की गई है। इसलिए शराब तस्करों का काम आसान हो जाता है और वे गुजरात-राजस्थान राज्यों में अपनी शराब बेचकर जमकर मुनाफा कमा रहे हैं।