मुस्लिम समाज ने ताजिये जुलूस निकाला, गणेश पंडालों में नहीं लगाए नारे, नहीं बजाए लाउड स्पीकर

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इरशाद खान, बरझर
कौमी एकता व भाईचारे की मिसाल बरझर मे पेश की मुहर्रम के जुलूस के दौरान राठौड़ समाज में एक नौजवान एक लडक़े की मौत हो जाने के चलते प्रजापत मौहल्ले से नीमचौक तक मुस्लिमों ने इमाम हुसैन की याद में लगने वाले नारे नही लगाकर खामोश चल रहे थे। वही दूसरी तरफ मुहर्रम निकलने के वक्त गणपति पंडालों में बजने वाले लाउड स्पीकर भी बंद कर दिए गए। ताजियों का जुलूस गुजरने के बाद पंडाल में गणपति भगवान की आरती-लाउडस्पीकर चालू किए गए। बरसों से चली आ रही परम्परा को जीवित रखते हुए हिंदू-मुस्लिम ने कौमी एकता की मिसाल पेश की ऐसा नजारा शायद ही कही व कभी देखने को मिलता है। ऐसी मिसाल देश के हर गांव शहर में हिन्दू मुस्लिम की एकता हो जाए तो पुरानी परम्परा फिर लौट आये और जो राजनेता धर्म की आड़ में धर्म के नाम पर वोटों की राजनीतिक कर रहे हैं वह राजनेता संसद व विधानसभा से निकलकर घर में नजरबंद हो जाए।

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