माही परियोजना के निरीक्षण के दौरान किसानों ने बताई कलेक्टर को पीड़ा

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झाबुआ लाइव के लिए पेटलावद से हरीश राठौड़ की रिपोर्ट-
कलेक्टर आशीष सक्सेना सोमवार को माही परियोजना की नहरों का निरीक्षण करने पहुंचे। पेटलावद क्षेत्र की यहां किसानों ने बताया कि नहरों की सफाई नहीं हो रही, इस वजह से उनके यहां पानी नहीं पहुंच रहा। इसके जवाब में जल संस्था के अध्यक्ष भूपेंद्रसिंह राठौर ने बताया कि नहरों में ग्रामीण शौच कर जाते हैं। इस कारण मजदूर नहरों की सफाई नहीं करते। कलेक्टर ने जनपद सीईओ से पूछा, क्या आपके क्षेत्र में ग्रामीणों के यहां शौचालय नहीं बने या वे उनका उपयोग नहीं कर रहे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया, ये सिर्फ बहाना है। लापरवाहीपूर्वक सफाई नहीं की जा रही।
निरीक्षण में ग्रामीणों ने खुलकर अपनी परेशानी कलेक्टर के सामने रखी। उन्होंने बतायाए माही नहरों की सफाई नहीं हो रही। पानी जीरो पॉइंट के किसानों को नहीं मिल रहा है। नहर टूटी हुई है। पानी व्यर्थ बह रहा है किसानों का रास्ता बंद हो गया है। हमें लगातार पानी दिया जाए। ग्राम करड़ावद और करवड़ में किसान समस्याएं बताने एकत्रित हुए। किसान जीवनलाल खेर, हेमराज भूरिया, बाबूलाल डेरिया और सुरेश खेर ने कलेक्टर को बताया कि माही नहर वडलीपाड़ा में रोड पर छोड़ दी गई। इस कारण से इसका पानी वडलीपाड़ा, गंगाखेड़ी मुख्य मार्ग पर बहता रहता है। मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाता है। खेत तक किसान पहुंच भी नहीं पाता है। कई किसान खेतों तक वाहन भी नहीं ले जा पा रहे हैं। ये समस्या 3 वर्षो से उठाई जा रही है। भाजपा मंडल अध्यक्ष कृष्णपालसिंह गंगाखेड़ी ने बताया कि जिला स्तर तक भी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
कई स्थानों से टूटी है नहरें
ग्राम सुल्तानपुरा के किसान गवजी भाई और मनोज मेलीवार ने पानी नहीं मिलने की शिकायत की। उनका कहना है कि नहरों की सफाई नहीं होने से पानी उनके यहां तक नहीं आ पा रहा है। ओवरफ्लो होने से नहरों के बाहर पानी निकल रहा है। नहरें कई स्थानों पर टूटी हुई हैं।
एक वर्ष से काम अधूरा
बोड़ायता के किसानों ने शिकायत कि है कि हमारे यहां 20 किसानों के बीच में सिंचाई के लिए पानी देने के लिए कुआं बनाया गया। आज तक उसका कार्य पूर्ण नहीं किया गया।
हमें पानी अभी तक नहीं मिला
भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष छगनलाल जायसवाल ने करड़ावद में कहा कि नहरें प्रारंभ हुए दस दिन बीत गए। दूसरे क्षेत्र में पानी दिया जा रहा हैए लेकिन हमारे क्षेत्र में अभी तक पानी नहीं पहुंच पाया। 15.15 दिन की बारी न रखते हुए हमें लगातार पानी दिया जाए। कलेक्टर ने बैठक कर समस्या का हल निकालने की बात कही।
बिजली की समस्या विकट
किसानों ने सिंचाई के समय बिजली कटौती की समस्या को उठाया। माही नहरों द्वारा 15 दिन पानी दिया जाता है। इस दरम्यान बिजली की कटौती न की जाए तथा वोल्टेज भी सही दिया जाए।
सायफन सिस्टम में वॉल्व लगाएं
बोड़ायता के संस्था अध्यक्ष अग्निनारायणसिंह राठौर ने कहा कि किसान सायफन सिस्टम से पानी लेते हैं और पानी का अपव्यय होता है। किसान रात में घर जाएं तो पाइप निकालकर जाएं। कलेक्टर ने एक आदेश पारित किया कि जो भी किसान सायफन सिस्टम से पानी लेने के लिए पाइप लगाए। वह उसमें वॉल्व लगाए ताकि पानी का अपव्यय नहीं हो। निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ जमना भिड़े, सडीएम हर्षल पंचोली, ईई एसके अग्रवाल, एसडीओ जगदीशचंद्र सोनी, रामगोपाल पाटीदार, बद्रीलाल भालोड़, राजकुमार पालीवाल, राजाराम आंजना, गंगाराम डामर आदि उपस्थित थे।

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