माया का त्याग करके ही परमात्मा को पाया जा सकता है : पंडित अरविन्द भारद्वाज

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मयंक विश्वकर्मा, आम्बुआ
भगवान कंठ में तब विराजमान होंगे जब माया का परित्याग करेंगे। लोगों को माया प्यारी होती है भगवान नही। माया को अलग हटाने का काम भी परमात्मा करता है, जब तक माया का त्याग नही करेंगे तब तक प्रभु दर्शन नही हो सकते। ये प्रेरक उदगार समीपस्थ प्रसिद्ध धार्मिक स्थल ग्राम भोरण के शिवगंगा चमत्कारी हनुमान मंदिर स्थल पर चल रही सात दिवसीय रामकथा में व्यास पीठ पर बैठे पं अरविंद जी भारद्वाज ने व्यक्त किये।सोमवार को रामकथा का छठवां दिन था।यहां 11 फरवरी से 19 फरवरी तक पंचकुण्डीय श्री राम मारुति महायज्ञ और रामकथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है। मन्दिर के महंत बाबा सन्तानन्दजी महाराज (भोरण वाले बाबाजी) के मार्गदर्शन में आयोजित हो रही। इस कार्यक्रम के मुख्य यजमान क_ीवाड़ा के पूर्व जनपद अध्यक्ष भदू भाई पचाया हैं। प्रतदिन सुबह यज्ञ में यजमानो द्वारा आहुति दी जा रही है। यज्ञाचार्य पंडित विजय जानी राजस्थान ओर सहयोगी टीम है। दोपहर में रामकथा ओर शाम को भंडारा आयोजित हो रहा है। मनमोहक संगीमयी भजनों के साथ चल रही रामकथा का श्रवण करने के लिए बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु आ रहे हैं। पंडित भारद्वाज ने सोमवार को रामकथा का सुंदर चित्रण करते हुए भगवान राम की गाथा बताई। मारीच, तडक़ा वध, गौतम ऋषि, माता अहिल्या, ऋषि-मुनि, अंजना माता आदि के सुंदर व्रतांत सुनाए। कथा के प्रारम्भ ओर अंत में आरती हुई। इस अवसर पर भदू भाई पचाया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक ओर श्रद्धालु उपस्थित थे।
मंगलवार को पूर्णाहुति ओर भंडारा
19 फरवरी मंगलवार को दोपहर 12 बजे यज्ञ ओर रामकथा की पूर्णाहुति ओर विशाल महा भंडारा कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम को सफल आयोजन के लिए सन्तानन्द महाराज सर्वजन समिति शिवगंगा हनुमान मन्दिर भोरण द्वारा सराहनीय सहयोग किया जा रहा है।
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