भागवत कथा में बोले शेरे आर्य भूमि पंडित कमलकिशोरजी नागर : भगवान की शरण ले लो जिसके पास बहुत बल है

0

गोपाल राठौड़, कट्ठीवाड़ा
कट्ठीवाड़ा में आज भागवत कथा के प्रथम दिन 11 बजे गायत्री मन्दिर से विशाल कलश यात्रा निकाली गई। इस दौरान धर्मावलंबी बैंडबाजों के साथ भजन-कीर्तन करते हुए चल रहे थे। साथ ही कलशयात्रा में महिलाएं व नन्हीं बच्चियो ने भी सिर पर कलश लेकर नगर के मुख्य मार्ग होते हुए कथा स्थल सांवलिया धाम पर पहुंचे। भर गरमी में भी कलशयात्रा में शामिल महिलाएं, बच्चे व बुजुर्गों का उत्साह कम नहीं था। इस दौरान कथा के प्रथम दिन पंडित कमल किशोर नागर ने भागवत कथा में कहा कि नाथ धन दे तो पहले दानी बनाना, फिर धनी बनाना। उन्होंने कहा कि उद्योगपति दान तीन तरीके से देते हैं। पहला टैक्स बचाने के लिए दूसरा कीर्ति बनाने के लिए तीसरा अपना नाम ऊंचा करने लिए। अगर धन के साथ अगर बल दे तो किसी को मारने वाला बल मत देना किसी को बचाने वाल बल देना चाहिए।
शेरे आर्य भूमि नागरजी ने कहा कि जिनके पास धन है बल है, उन लोगों को पापा को रोकना चाहिए जिनको धन दिया उससे अच्छे आयोजन कराना जिसने धन को अच्छी जगह लगाए। भगवान ने मनुष्य शरीर दिया है। दानी बने परमात्मा बल दे तो सेवक बनाएं। मनुष्य योनी मे दुख काटना पटे तो अच्छी बात है। दूसरी योनी में काटना पडे तो बडे दुख की बात है। गरीब के पास धन नहीं तो दुखी ओर धनवान के पास धन तो है, पर उसे कम दिखता है। एक बात समझ लेना समय बचा कम बचा है, ओर जो बचा वह अच्छा नहीं बचा। इसलिए भगवान की शरण ले लो जिसके पास बहुत बल है। वह दुख देने के अलावा कुछ नहीं करते।

)

Leave A Reply

Your email address will not be published.