मयंक विश्वकर्मा@आम्बुआ
आम्बुआ तथा समीप ग्राम बोरझाड़ के मध्य बहने वाली नदी पर वर्षों पूर्व बने स्टॉप डेम से क्षेत्र से सिंचाई तथा निस्तार हेतु पानी मिलता रहा है। मगर बीते तीन-चार वर्षों से स्टॉप डेम में लगने वाले कड़ी शटर जीर्ण शीर्ण हो रहे हैं जिस कारण स्टॉप डेम में पानी एकत्र होने की बजाय समय के पूर्व बह कर समाप्त हो जाता रहा है जिस कारण गर्मियों में जानवरों को पेयजल की परेशानी होती है तथा फसलों के लिए अंतिम समय में पानी नहीं मिल पाता है।
यह स्टाफ विकासखंड उदयगढ़ के सिंचाई विभाग द्वारा वर्षों पूर्व बनाया गया था तथा इसका रखरखाव का कार्य बोरझाड़ ग्राम पंचायत द्वारा किया जाना है। मगर देखा गया है कि विगत कुछ वर्षों से ग्राम पंचायत बोरझाड़ प्रशासन द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है स्टॉप डेम कई स्थानों से टूट रहा है तो इसमें लगने वाले लोहे के दरवाजे (कड़ी शटर) जीर्ण शीर्ण हो गए हैं लो।के पतरे सड़ कर उसमें बड़े-बड़े छेद हो गए हैं तो किनारों पर लगने वाली रबड़ भी खराब हो चुकी है जिस कारण गेट बंद होने के बाद एकत्र होने वाला पानी व्यर्थ में बह जाता है ।गर्मियों में लबालब भरा रहने वाला स्टॉप डेम जिसमें आंबुआ बोरझाड़ से जल क्रीड़ा करने वालों की भीड़ लगी रहती थी । यही नहीं मार्ग से गुजरने वाले कई ऐसे वाहन जिसमें बारात या धार्मिक यात्रा के तीर्थ यात्री भरे होते थे नदी के इस स्टॉप डेम में भरे पानी को देखकर वाहन रोककर यहां स्नान करते हुए तारीफ किया करते थे तैरने के शौकीन तैरने आते तो सीखने वाले रबड़ के ट्यूब में हवा भर कर तेरना सीखते थे।
मगर अब वह सब एक बीता हुआ सपने के समान हो गया है । तथा प्रशासनिक उदासीनता के चलते टूटे-फूटे दरवाजों से पानी बह रहा है जो कि वर्तमान में भी जारी है क्योंकि अभी पानी की आवक अधिक तथा वर्षा भी क्षेत्र में रुक-रुक कर होती जा रही है जिस कारण स्टॉप डेम ऊपर तक भरा होकर ओवरफ्लो हो रहा है ।मगर जैसे जैसे पानी की आवक कम होगी तथा स्टाफ डेम के ऊपरी क्षेत्र में सिंचाई होगी तथा गेटों से पानी व्यर्थ बहता रहेगा।तब यह स्टाफ कब सूख जाएगा कोई नहीं बता सकता जिसके कारण गर्मियों के मौसम में पेयजल संकट होना तय है अभी यदि प्रशासन गेटों की मरम्मत करा देता तो कई महीनों तक पानी संग्रह रह सकता था।
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