बच्चों की जान से हो रहा खिलवाड़ महिला एवं बाल विकास विभाग का कारनामा सत्तू वितरण मे हो रही धांधली

- Advertisement -

उदयगढ़ से अमर सिंह बागूल की रिपोर्ट
उदयगढ़–अलीराजपुर जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिले की करीब 2000 आंगनवाड़ीयो मे पोषण आहार के साथ थर्ड मिल के रूप में सत्तू भी आंगनवाड़ी में सप्लाई हो रहा है। गौर करने की बात है आंगनवाड़ी में सप्लाई हो रहे सत्तू के बेग पर सत्तू निर्माण करने वाली संस्था /कंपनी का नाम, पता , संपर्क नंबर, निर्माण तिथि, भरते समय वजन, पैकिंग करने की तिथि , उपयोग करने की अंतिम तिथि, सत्तू में कोन कौन सी सामग्री किस मात्रा में उपयोग की गई है का विवरण, भारत सरकार द्वारा खाद्य सामग्री सप्लाई के लिए एफएसएसआई लाइसेंस नंबर आदि किसी भी प्रकार की जानकारी उस पर दर्ज नहीं है। बिना प्रिंट वाले प्लास्टिक के बैग में थर्ड मिल के रूप में सत्तू को पैक कर भिजवा दिया गया । इससे साफ हो रहा है कि कहीं न कहीं कोरोना काल मे आपदा को अवसर में बदलकर सत्तु वितरण में बड़ा गोलमाल किया जा रहा है । जिले के सभी विकासखंडों में हर माह करीब 100 क्विंटल सत्तू सप्लाई होता है और यदि इसका भाव ₹- 5,000 प्रति क्विंटल माना जाए तो एक माह में ₹   5 लाख का सत्तू वितरण हो रहा होगा । एक साल में करीब 60 लाख ₹ के सत्तू का वितरण हुआ होगा । इसमें महिला बाल विकास विभाग के जिला एवं विकास खंड के अधिकारियों की मिलीभगत सीधी नजर आ रही है । जानकारी के अनुसार से डॉक्टर पवन कुमार शर्मा, संभाग आयुक्त इंदौर के पत्र क्रमांक 456 दिनांक 22- 02-21 जिसमें उन्होंने जिला कलेक्टर को आजीविका मिशन, तेजस्वी योजना के पंजीकृत समूहो से यह कार्य करवाया जाने के बारे में लिखा है । इस संबंध में उप सचिव, मध्यप्रदेश शासन महिला एंव बाल विकास विभाग विभाग के पत्र क्रमांक154/2079/2000/ 50-2 भोपाल/दिनांक 20-01-2021 का हवाला भी दिया गया है। कर्मचारीयों से बात करने पर पता चला है कि, सत्तू कहां से आ रहा है , कौन भिजवा रहा है, कितना वजन है, सत्तू निर्माण में किस-किस सामग्री का कितनी मात्रा में उपयोग किया गया है, किस भाव में आ रहा है, इसके टेंडर कब हुऐ उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है । वे बताते हैं कि जिला से सत्तू भिजवाया जा रहा है और वे उसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दे रहे हैं । इस मामले में जिला प्रशासन को जांच करना चाहिए कि, आखिर इन सब के पीछे किसका हाथ है, मासूमों की जान के साथ क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है । आंगनवाड़ी में वितरण किए गए सत्तू से यदि बच्चों के स्वास्थ्य में किसी प्रकार की परेशानी आती है तो उसके लिए जवाबदेह कौन रहेगा । क्या आपदा के नाम पर अवसर तलाश कर बडा गोलमाल किया जा रहा है । इसकी जांच कर जनता के सामने वास्तविकता आना चाहिए ।