प्रशाशनिक हलचल झाबुआ – अलीराजपुर

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चंद्रभान सिंह भदौरिया @ चीफ एडिटर

कलेक्टर मैडम की ज्वाइनिंग ओर SDM का तबादला

झाबुआ कलेक्टर रजनीसिंह ने पदभार ग्रहण करने के कुछ ही घंटों के भीतर झाबुआ जिला मुख्यालय के SDM को बदल दिया .. L.N गर्ग को हटाये गये कलेक्टर सोमेश मिश्रा का बेहद करीबी माना जाता था .. गर्ग को हटाकर कलेक्टर ने एक साथ सभी को संदेश दे दिया कि उनका विजन क्या है

..यह सियासत है भैया

कहते हैं सियासत वहां भी पुल बना सकती है जहां नदी भी ना हो .. अब झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा को हटाने का मसला देखिए.. हर पखवाड़े CM वीसी के जरिए समीक्षा करते थे .. P.S ओर ACS भी निगरानी करते थे .. लेकिन अचानक कलेक्टर निपटा दिये गये.. ओर निपटाने के बाद CM ने अपनी हर सभा में हटाए गये कलेक्टर सोमेश मिश्रा को सर्टिफिकेट भी दिया कि हमने गंभीर शिकायतों के बाद हटाया .. आप क्या सोचते हैं अगर चुनावी सभाएं ना लेनी होती तो क्या कलेक्टर को हटाया जाता ? या हटाया जाता तो क्या हटाने की ब्रांडिंग होती ? लेकिन भैया सियासत है सियासत जहां सब जायज है

जिला पंचायत पर नजर कब ?

झाबुआ जिला पंचायत में एक अधिकारी है 3% कमीशन का रेट फिक्स है पूछना हो तो पुराने सरपंचों / सचिवो या पेटी ठेकेदारो से पूछ लो .. यह डकैत अफसर करोड़ों बना चुका है एक अखबार के नाम से मिलता जुलता नाम है इसका .. अब बुझो तो जाने ..वैसे इस अफसर का एक आडियो मार्केट में आने की चर्चा है जिसमें वह CEO ZP के नाम से रूपया मांग रहा है .. तो थोड़ा सा इंतजार कीजिए

एक साथ सब को बदल डालूंगा

सुना है अलीराजपुर जिले में एक साथ सभी 6 बीईओ को बदलें जाने की तैयारी है नये नामों पर मंथन हो रहा है 30 तारीख के बाद कभी भी नये BEO के तैनाती आदेश जारी हो सकते हैं ।

जब CM कर गये तारीफ

अलीराजपुर जिला पंचायत की CEO संस्कृति जैन की शिकायत मुख्यमंत्री के अलीराजपुर दौरे में की गयी तो मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृति जैन अपना काम ईमानदारी से करती है उनको 2 साल हो चुके हैं इसलिए रूटीन ट्रांसफर पर ही वह जायेंगी

कलेक्टर ने संभाला वरना विकेट गिर जाता

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान कब ओर कहां किस अफसर का विकेट चटका दे कहां नहीं जा सकता .. अचानक मामा खतरनाक मोड में आ गये है मीडिया को इनपुट था कि मुख्यमंत्री जोबट के समीप एक जनसंवाद शिविर में एक या दो विकेट चटका सकते हैं लेकिन कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह का होमवर्क जबरदस्त था ..हर आंकड़े उनके पास था नतीजा अपने ऊपर लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को संतुष्ट करने वाले जवाब देकर अपनी टीम के विकेट गिरने से बचा लिये बल्कि मुख्यमंत्री का Good भी हासिल कर लिया

अंत में …

जिले के NRLM के कर्मचारी ओर प्रभारी पीआरओ मनीष गुप्ता आजकल बाउंसर भी बन गये है पत्रकारो को हाथ पकड़कर बाहर निकालने लगे हैं .. हालांकि उनका शरीर उन्हें बाउंसर बनने की इजाजत नहीं देता लेकिन क्या करें कलेक्टरों के साथ रहते रहते उन्हें कलेक्टर जैसी शक्तियां हासिल होने का अहसास होने लगा है जोबट का हाल के प्रसंग सामने है

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