प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड योजना किसानों के लिए बनी वरदान, जिले के सिंचित क्षेत्र में हुई वृद्धि

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अलीराजपुर।
जिले के गुनैरी ग्राम के जगतसिंह रावत का कुछ वर्ष पूर्व तक केवल बारिश की फसल पर ही जीवन निर्भर था। अच्छी बारिश हो तो खरीफ की फसल लेकर कुछ अनाज जीवन यापन के लिए मिल जाता था। शेष समय मजदूरी के लिए पलायन पर जाकर जैसे-तैसे परिवार का पालन पोषण कर लेते थे। कई बार तो कम वर्षा हो तो फसल भी बैकार हो जाती थी। गर्मी के दिनों में तो पशुओं के लिए पानी की तकलीफ इतनी हो जाती थी कि दूर-दूर तक भटकना पडता था लेकिन आज यह सारी स्थिति बदल गई है। इस ग्राम में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास के तहत चेक डेम का निर्माण हुआ, जिसमें पूरे वर्ष पानी रहता है। इस चेक डेम के निर्माण से जगतसिंह सहित करीब 25-30 किसानों की करीब 15-20 हैक्टेयर जमीन पर रबी की फसल ली जाने लगी है। पषुओं के लिए भी गर्मी के दिनों में पानी की उपलब्धता रहती है। जिले के सैकडों किसानों के लिए प्रधानमत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास कार्यक्रम के तहत निर्मित हुई जल संरचनाएं वरदान साबित हो रही है। अलीराजपुर जिले में वर्ष 2013-14 से चार परियोजनाएं संचालित है। इसके अंतर्गत 23 हजार 135 हैक्टेयर क्षेत्र स्वीकृत है, जिसमें वाटरषेड विकास मद की राषि 1544.68 लाख रूपये प्रावधानित है। वर्तमान तक 524.80 लाख रूपये का व्यय करते हुए वर्तमान तक 107 जल संवर्धन संरचनाओं का निर्माण किया गया, जिसमें विषेष रूप से चेकडेम, आरएमएस, फार्म पोंड जैसे संरचनाओं का निर्माण किया गया है, जिससे वर्तमान तक 527.26 हैक्टेयर के सिंचिंत क्षेत्रफल में वृद्धि हुई। यह परियोजना में क_ीवाडा, सोंडवा और अलीराजपुर में है। इस संबंध में वाटरशेड के तकनीक विशेषज्ञ रमाकांत पाटीदार ने बताया जिले में चार परियोजनाओं के माध्यम जल संवर्धन एवं संरक्षण के लिए ओर संरचनाओं का निर्माण होगा, जिससे भू जल स्तर और सिंचित क्षेत्र में वृद्धि होगी।

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