“पुलिस हलचल” “अलीराजपुर जिला”

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@चंद्रभानसिंह भदोरिया @ चीफ एडिटर

एसपी साहब ” अपने विभागीय डकैतो को पहचानिऐ
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अलीराजपुर जिले के एसपी “विपुल श्रीवास्तव “काफी सरल है ओर उनकी सरलता का फायदा मैदानी पुलिस कर्मचारियों जमकर उठा रहे है जोबट सब डिविजन के एक थाने मे एक कांस्टेबल है जिसका नाम M से शुरु होता है यह कांस्टेबल अपने थाने के प्रभारी से मुंह लगा है बताते है दबिश मे जाने पर बकरे ओर मुर्गीयो पर तो दांव मार ही देता है बताते है एक सिल्वर रंग की कार से पायलटिंग करके दो नंबर की शराब भरी गाडिया भी क्रास कर रहा है बताने वाले बताते है कि कुछ दो नंबर के कामों मे उसकी पार्टनरशिप भी है खैर हमारा काम एसपी साहब को चेताने का है बाकी उनकी मर्जी ।

वह दो हेड साहब कोन है ?
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जोबट सब डिविजन के एक थाने मे दो हेड कांस्टेबल पदस्थ है जो वर्दी की आड मे नोकरी दांव पर लगाकर दुस्साहस कर जाते है बताते है कि करीब 20 दिन पहले यह दो हवलदार इंदोर जिले के कुछ पुलिस वालो के साथ मिलकर झाबुआ जिले के एक कस्बे से एक युवक को चोरी का माल खरीदने का फर्जी आरोप लगाकर उठाते है ओर फिर बडा अमाऊंट लेकर छोडा ..मामला इंदोर जिले की पुलिस का था तो फिर यह दोनो हवलदारो ने यह दुस्साहस क्यो किया यह समझ से परे है ।

इधर राष्ट्रीय पक्षी के शिकार की कीमत वसूल डाली
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अलीराजपुर जिले के एक चोकी ओर थाने के प्रभारी ऐसे है जो दो महीने पहले ” एक गांव ” मे मोरों के शिकारियों से तगडी रकम लेकर हजम कर गये । दरअसल हुआ यह था कि एक गांव के लोगो ने मोर के शिकारियों को शिकार बनाई गयी मोरों के साथ पकडा ओर चोकी पर ले गये ..बताते है शिकारियों को बचाने के लिए एक बडे जन प्रतिनिधि ने टीआई साहब को फोन किया ओर फिर टीआई साहब ने चोकी प्रभारी के साथ मिलकर आर्थिक सद्भभावना बनाकर मामला रफा दफा कर लिया ।

अगले अंक मे पढ़िए–
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अलीराजपुर जिले के एक थाना प्रभारी की कहानी जिसका दिलचस्प कारनामा .. लेकिन क्यो सपोर्ट कर रहे है आला अधिकारी ? पूरी कहानी जल्दी ही

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