पदोन्नति नियम-2017 को लागू करवाने हेतु अजाक्स जिला ईकाई ने सौंपा ज्ञापन

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आलीराजपुर ब्यूरो। पदोन्नति में आरक्षण को लेकर दिनांक 28 जनवरी, 2022 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय का एक निर्णय आया है जिसके तहत पदोन्नति में आरक्षण हेतु माननीय न्यायालय की ओर से एम नागराजन निर्णय-2006 तथा जरनैल सिंह निर्णय-2018 की गाइडलाइन पूर्व से जारी होने के कारण इस संबंध में नए सिरे से माननीय न्यायालय की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं करने की बात कही गई है।पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में अलग-अलग राज्य एवं केंद्र की नीतियों को लेकर अगली सुनवाई 24 फरवरी, 2022 नियत की गई है।उक्त गाइडलाइन का पालन करते हुए केंद्र एवं राज्य सरकारों को पदोन्नति में आरक्षण जारी रखने हेतु अपनी नीतियां व नियम बनाने के लिए कहा गया है। मध्यप्रदेश के स्पेशल काँसिल एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री मनोज गोरकेला द्वारा बनाये गये नवीन पदोन्नति नियम  माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुरूप मध्य प्रदेश शासन के समक्ष पदोन्नति नियम-2017 के ड्राफ्ट में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन का पालन किया गया हैं,उसे यथाशीध्र लागू करने की मांग प्रांतीय अजाक्स संगठन के आह्वान पर अजाक्स जिला ईकाई अलीराजपुर द्वारा ज्ञापन सौंपा गया हैं।

अजाक्स जिला उपाध्यक्ष रतनसिंह रावत ने कहा कि म0प्र0 पदोन्नति नियम 2017 को मध्य प्रदेश सरकार दरकिनार करते हुए नए नियम बनाकर उसे लागू करवाने के पक्ष में हैं।जिसके तहत पिछले रास्ते से आरक्षित वर्ग के कर्मचारी अधिकारियों एवं आने वाली पीढ़ियों तक नुकसान हो सकता है।अजाक्स पदाधिकारी भंगुसिंह तोमर ने कहा कि संविधान संगत पदोन्नति नियम सरकार लागू नही करती है तो उसे रोकने एवं पदोन्नति नियम 2017 को लागू करवाने हेतु हमें अजाक्स संगठन के बैनर तले अपनी एकता को दिखाने की आवश्यकता है।इस हेतु अजाक्स संगठन द्वारा चरणबद्ध आंदोलन की रूपरेखा जारी की गई है,जिसके तहत आज दिनांक 1 फरवरी, 2022 को प्रदेश के समस्त ब्लॉक, जिला, संभागीय एवं प्रदेश मुख्यालय पर महामहिम राज्यपाल,माननीय मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन के नाम से ज्ञापन दिया गया है। मध्यप्रदेश में 70 हजार से भी अधिक कर्मचारी- अधिकारी बिना प्रोमशन के सेवानिवृत्त हो गए हैं, पदोन्नति में आरक्षण लागू करते ही सभी वर्ग के कर्मचारियों की रुकी हुई पदोन्नति का रास्ता साफ हो जाएगा। केरम सिंह जमरा ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन के अधिकारियों के द्वारा जो वर्तमान पदोन्नति नियम ड्राफ्ट तैयार कर माननीय मुख्यमंत्री एवं पदोन्नति के लिए बनी मंत्री समूह कमेटी को प्रस्तुत कर गुमराह कर रहे हैं,ओर संविधान के विरुद्ध नियम बनाने के लिए पक्ष रख रहे हैं।जो कि नियम विरुद्ध होने के साथ ही साथ माननीय मुख्यमंत्री जी की इच्छा और घोषणा के विपरीत है। संगीता चौहान ने कहा कि सरकार दूसरी तरफ सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जो नियम श्री गोरकेला  माननीय न्यायालय के अधिवक्ता एवं शासन के स्पेशल काँसिल द्वारा बनाया गया है ओर सामान्य प्रशासन विभाग के पास हैं वह परी तरह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ओर संविधान अनुरूप भी है। उसे लागू नही किया जाता है तो, नारी शक्ति भी संगठन के साथ मिलकर उग्र आंदोलन के लिए तैयार हैं, ये हमारा अधिकार है,आने वाली पीढ़ी भविष्य के लिए अन्याय नही होने देंगें।ज्ञापन कलेक्टर के माध्यम से 2 वर्षीय बालक कियांश किरण अर्जुन गुथरिया के हाथों से तहसीलदार को सौंपा गया हैं।इस अवसर पर विभिन्न विभागों के कर्मचारी-अधिकारियों के साथ ही अजाक्स संगठन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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