एसडीएम ने भी माना नानपुर अस्पताल में नहीं रहते डॉक्टर, निरीक्षण में सामने आई अनियमितताएं, उपस्थिति रजिस्टर में डॉक्टर के साइन नहीं मिले

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जितेंद्र वाणी, नानपुर

शनिवार को आलीराजपुर जिले के नानपुर में युवक की मौत के बाद परिजन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। परिजन ने विरोध स्वरूप खंडवा वड़ोदरा स्टेट हाईवे पर चक्काजाम कर दिया था। लगभग चार घंटे तक यह चक्काजाम चला। एसडीएम तपिश पांडे की समझाइश के बाद लोग माने। एसडीएम ने माना कि नानपुर अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहते। निरीक्षण में उन्हें अनियमितताएं भी मिली।

हालांकि इस पूरे घटनाक्रम ने नानपुर स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही की पोल खोल दी। दरअसल, प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाइश देने के बाद एसडीएम तपिश पांडे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण पर पहुंचे। इस दौरान यहां कई अनियमितता सामने आई। उन्होंने उपस्थिति पंजी देखी तो उसमें डॉक्टर के साइन नहीं थे। डॉक्टर चार से आठ दिनों से अनुपस्थित थे। यही स्थिति अन्य स्टाफ की भी मिली। इतना ही नहीं एसडीएम ने दवाई के स्टाॅक का मिलान किया तो मिलान भी नहीं हो पाया। दवाई कम निकली। एसडीएम ने माना कि यहां पर लापरवाही चल रही है। इतना ही नहीं जब एसडीएम निरीक्षण के लिए पहुंचे तब अस्पताल का चेनल गेट अंदर से बंद कर रखा था। अंदर डॉ आशीष कुमार चौहान भी स्टोर रूम में बंद मिले। जिन्हें एसडीएम ने बाहर निकाला। बताया जा रहा है डरके मारे डॉक्टर ने खुद को अंदर बंद कर लिया था।

मामले में एसडीएम पांडे का कहना है उन्होंने पंचनामा बना लिया है। वह मामले से कलेक्टर को अवगत कराएंगे ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था में सुधार हो सके।

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