नगरीय निकायों मे यह कैसी राजनीति, अलीराजपुर से लेकर झाबुआ-थांदला सभी हलाकान

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झाबुआ/अलीराजपुर आजतक डेस्क ॥नगरीय निकाय वह स्थानीय संस्थाऐ होती है जहाँ अपने नुमाइंदो को चुनकर जनता नगर विकास की उम्मीद करती है लेकिन अधिकांश जनता के चुने हुऐ नुमाइंदे विकास से ज्यादा राजनीति करते है ऐसे मे जब प्रशासन की कार्रवाई का डंडा चलता है तो इस गंदगी के चलते जनता का भरोसा भी उठता जाता है इस रिपोर्ट मे देखी झाबुआ-अलीराजपुर जिले मे कहाँ आपस मे भारत-पाकिस्तान से भी ज्यादा खटास नगरीय निकायों के नुमाइंदो मे देखने को मिल रही है ।

अलीराजपुर नगर पालिका–अलीराजपुर नगर पालिका में अभी जो परिषद है उसके निर्माण मे अलीराजपुर की जागरुक नागरिक मंच नामक संस्था का महत्वपूर्ण योगदान था लेकिन आज की बात करे तो जो सेना महेश पटेल ओर विक्रम सेन पहले साथ थे अब दोनो के बीच 36 का आंकडा दिख रहा है अध्यक्ष निजी तोर पर तो उपाध्यक्ष मीडिया के जरिए एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे है विक्रम सेन यु तो कांग्रेस के टिकट पर पाष॔द बने लेकिन उपाध्यक्ष वह निर्दलीय की हैसीयत से बने थे लेकिन बाद मे कांग्रेस मे शामिल हो गये ओर अब कांग्रेस भी नगरपालिका  चेयरमेन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर छोडी है कुल मिलाकर यह उठापटक आने वाले दिनो सडको पर आ सकती है ।

झाबुआ नगरपालिका–झाबुआ मे धनसिंह बारिया ओर उपाध्यक्ष चेतना पटेल (अब हटाई गई ) के बीच परिषद बनते ही उठापटक तेज हो गई थी चेतना पटेल कई मुद्दों को लेकर धनसिंह बारिया के खिलाफ मोर्चा खोले हुई थी जिसमे स्लाटर हाऊस से लेकर कई खरीदीया शामिल थी बहरहाल धनसिंह भी चेतना पटेल के खिलाफ परदे के पीछे सक्रिय थे ओर दोनो एक पार्टी के होने के बावजूद भारत-पाकिस्तान की तरह आपसे मे टकराव कर रहे थे इसी बीच कलेक्टर ने चेतना पटेल को अयोग्य घोषित कर दिये है लेकिन बवाल जारी ही रहने के आसार है ।

थांदला नगर परिषद- सबसे ज्यादा अखाडे का मैदान तो थांदला नगर परिषद बनी हुई है यहाँ अध्यक्ष ओर उपाध्यक्ष के बीच घमासान कई संगठन ओर सरकारी स्तर की जांचो का रुप ले चुका है अध्यक्ष सुनीता वसावा की जाति को उनकी ही पार्टी की संगीता सोनी ने मुद्दा बनाया हुआ है तो संगीता भी अध्यक्ष के राडार पर रहती है भाजपा संगठन भी इस लडाई को खत्म करने की बजाय इसमे कूद पडा है

लेकिन यहाँ सब मिल जुलकर करते है सब कुछ–झाबुआ-अलीराजपुर जिले मे कुछ निकाय ऐसे है ज्यादा कोई आपसी कलह नही है अलीराजपुर के आजादनगर ओर जोबट मे आपसी खींचतान नही है वही झाबुआ के राणापुर-पेटलावद-मेघनगर मे भी अभी तक ऐसे हालात सामने नही आऐ जिससे जूतमपैजार के हालात दिखाई दे ॥

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