दिनभर चला पतंगबाजी का सिलसिला गूंजता रहा “वो कटी है; वह चली”

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 मयंक विश्वकर्मा@

आम्बुआ 

आम्बुआ तथा समीप ग्राम बोरझाड़ के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी 14 एवं 15 जनवरी को मकर सक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। दिनभर पतंग उड़ाने वालों तथा कटी पतंग लूटने वालों की आवाज आती रही। जिधर सुनो उधर से कटी वो कटी की आवाज आती रही। कहीं कहीं परंपरागत गिल्ली डंडा भी खेला गया।  इस बार मकर सक्रांति का पर्व क्षेत्र में 2 दिनों तक मनाया गया। हालांकि अधिक धूमधाम 15 जनवरी को रहा मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना आरती के साथ ही भगवान को तिल्ली से बनी मिठाई के साथ ही खिचड़ी का भोग लगाया गया । वहीं श्री राम मंदिर के पुजारी शंकर लाल पारीक ने पूजा आरती कर प्रसाद वितरित किया । मंदिर में विगत 14 दिनों से सुबह की आरती की जा रही थी। चूंकि आम्बुआ क्षेत्र गुजरात सीमा से सटा हुआ है। गुजराती रंग भी दिखाई देता है। इसलिए क्षेत्र में दिनभर पतंग उड़ाने का क्रम चलता रहा कई लोगों ने घरों की छतों पर डीजे साउंड बजाकर पतंग उड़ाने का मजा किया। कटी पतंग को लूटने वाले बच्चों के झुंड बाजारों से लेकर खेतों तथा मैदानों में दौड़ लगाते रहे कुछ स्थानों पर परंपरागत रूप से गिल्ली डंडा खेल भी खेला गया। दिनभर तिल के लड्डुओं का आदान-प्रदान होता रहा तो घरों में विभिन्न पकवानों के साथ चावल मूंग दाल की खिचड़ी भी बनी गायों को हरी घास बाजरा रोटी तो कुत्तों को जलेबी भी खिलाई गई ब्राह्मणों को वस्त्र नगदी तिलगुड का दान भी किया गया। आजाद नगर की एक निजी शिक्षण संस्था अंशुल विद्या मंदिर में बच्चों ने समूह में पतंग की आकृति बनाकर मकर सक्रांति का संदेश दिया।

 

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