तेंदुए के हमले से युवक घायल, ग्रामीणों में भय

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बरझर फिरोज खान बबलू

कट्ठीवाड़ा व कदवाल क्षेत्र के घने जंगलों से वन प्राणी गर्मी के मौसम मे पानी की तलाश में अक्सर जंगल से  गांव की ओर चले आते हैं । जिसे लेकर वन विभाग ने कभी वन प्राणियों की सुरक्षा को लेकर पानी के लिए गम्भीरता से कदम नहीं ऊठाये । जिस के चलते वन प्राणी गांव की ओर घुस कर आतंक मचाते है जिससे गांवों मे दहशत का माहौल बना रहता है। ऐसा ही मामला बरझर से लगे गांव में तैदुए के घुस आने से गांव मे भय से ग्रामीण भरभीत है ।                       ‌        बरझर क्षैत्र के तमबोलिया , मालीफलीया , व महेंद्रा में करीब तीन चिर दिनों से जंगल से भटकर एक तैदुए के आ जाने से भयभीत है । आज सबेरे ही अलखेश पिता रामसिंह तमबोलिया परीक्षा में खेत मे खाद डालते समय पिछे से हमला कर दिया जिससे कमरे के सिधे पैर में बड़ा गांव कर दिया गनिमत यह रही की कमलेश ने हिम्मत नहीं हारी और उसके मुंह पर हाथ से  ही वार किया जिससे वह घबराकर पास में नाले में भाग खड़ा हुआ । कमलेश अस्पताल बरझर पहुंचकर उपचार करवाया उधर डाक्टर का भी मानना है की जानवर के हमले के ही घाव है । इससे पहले मंगलवार को हरीश पिता मारता , निलेश पिता रमेश मालीफलीया से बरझर के लिए बाईक से घर से निकले ही थे की कुछ ही दुरी पर रास्ते पर तैदुआ दिखा वे से ही बाईक छोड़ भाग खड़े हुए । गुरुवार रात में महेंद्रा निवासी रामसिंह गोपाल के खेत में पानी फेराने गये जेसे ही तैदूआ दिखा । वेलेंटाइन भयभीत हो गये । रात भर खेत में पानी नहीं फेरा पाये  ।

पानी की तलाश में भटक आते हैं तैदूए 

अकसर वन पानी गर्मी के मौसम में ही जंगल से भटक कर गांव कस्बों में भटक आते हैं । इससे पहले भी एक तैदूआ गत वर्ष ही माली फलीया में ही एक किसान के कुए में गीर गया था । साथ ही रिगोल में भी पांच वर्ष पुर्व एक तैदूआ कुएं में पानी पीने की तलाश में कुएं में गिर गया था । जब ये बार बार जंगली जानवर अक्सर गर्मी में भटक आने के चलते कूंए में गिरने व जानवरों द्वारा व्यक्तियो पर हमला करने की बात से वाकिफ होने के बाद भी वन विभाग बेखबर नजर आ रहा है । जबकी गर्मी के मौसम आते ही वन विभाग को वन प्राणीयो के लिए पानी की जंगल में समुचित व्यवस्था होनी चाहिए । परन्तु वन विभाग जानने के बाद भी अंजाम बना बेठा है ।