जैविक खेती कर बनेंगे आगे आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छे पूर्वज – शिवगंगा

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 विपुल पंचाल@ झाबुआ*

शिवगंगा द्वारा 4 फरवरी को जूनापानी गाँव से प्रारंभ की गई जमीन संवर्धन यात्रा 8 फरवरी को नवापाड़ा गांव में समाप्त हुई। यात्रा के दौरान 14 धरमसभाएँ हुई, जिनमें 60 गॉंवों से 6000 लोग शामिल हुए।

इन धर्म सभाओं में रासायनिक खेती से जमीन माता को हो रहे नुकसान के बारे में और जैविक खेती के महत्व को बताया गया। किसानों के मन में इस बात का संकल्प जगाया कि हम जैविक खेती कर हमारी जमी माता को जहर मुक्त करेंगे।

यात्रा के साथ जमीन संवर्धन के विषय को लेकर एक प्रदर्शनी भी थी और शिवगंगा कार्यकर्ता विजेंद्र अमलियार द्वारा विकसित की की गई इलेक्ट्रिक देसी घट्टी को भी प्रदर्शित किया गया। किसानों को खाद्य प्रसंस्करण को लेकर भी उत्साहवर्धन किया गया।

शिवगंगा गत दो दशकों से झाबुआ अलीराजपुर में सतत समग्र ग्राम विकास को लेकर प्रयासरत है। यात्रा प्रभारी शिवगंगा कार्यकर्ता विजेंद्र अमलियार ने बताया कि जमीन संवर्धन की यह यात्रा लोगों को जमीन माता के दुख से अवगत कराएगी और उन्हें जैविक खेती अपनाकर जमीमाता को स्वस्थ करने की ओर प्रेरित करेगी। खाद्य प्रसंस्करण और नव विज्ञान के माध्यम से हम झाबुआ के युवा स्वाभिमान से स्वावलंबी बनेंगे।

गुलाबपुरा के जैविक किसान रमेश डामोर ने बताया कि थोड़े समय के फायदे के लालच में हमने अपनी परंपरागत खेती छोड़कर रासायनिक खेती की जिसके नुकसान आज देश दुनिया मे दिख रहे हैं। उन्होंने तीन साल पहले 1 बीघा से जैविक खेती शुरू की और धीरे धीरे इसके परिणाम जमीन के स्वस्थ होने के रूप में दिख रहे हैं। अब वो पूरी जमीन को जैविक बनाने की योजना बना रहे हैं।

5 दिन तक यात्रा में शामिल हुए राखड़िया गाँव के तड़वी पूनिया पटेल ने बताया कि अगर हम जहर वाली बंजर जमीन छोड़कर जाएंगे तो कैसे पूर्वज कहलायेंगे। इसीलिए हम सब संकल्प लेते हैं कि जैविक खेती कर अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छे पूर्वज बनेंगे।

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