जेसलमेर में मजदूरी करने गए अंचल के 40 मजदूर फंसे; सैकडो किमी पैदल चलने को मजबूर

May

 रितेश गुप्ता@थांदला 

झाबुआ जिले के ग्राम खवासा के रन्नी संगत गाॅंव के लगभग 40 आदिवासी मजदूर राजस्थान के जैसलमेर में खेती मजदूरी पर गये थे । कोरोना सम्पूर्ण बंद के बाद से वही पर फंसे हूए । मजदूरों ने फोन पर अपनी आप बीती बताई है जो कि जेसलमेर रेगिस्तान के सुने मैदान में पैदल चलकर जोधपुर के फालौदी तहसील के मरला गाॅंव तक पहॅूंच गये , जहाॅं से जौधपुर 150 किमी दूर है । मजदूरों के व्दारा अपने व्हाटसअप के माध्यम से अपनी वीडियो व तस्वीर भैजी है ग्रामीण लगातार मदद की माॅंग कर रहे है । वही राजस्थान पुलिस प्रशासन व्दारा आदिवासीयों को मुख्य सडक पर दिखते है मारपीट की जा रही है ग्रामिण भयभीत है ।
समूह के सदस्य कैलाश मुणिया ने दूरभाष पर प्रतिनिधी को जानकारी देते हूए बताया हमें किसी भी तरह हमारे गाॅंव पहॅूंचा दो पुलिस हमारे साथ में मारपीट कर रही है हमें दूर दूर तक पीने के पानी की समस्या आ रही है हमारा राशन भी अब समाप्त हो रहा है । हम अपने घर लौटना चाहते है ।
आदिवासी मजदूरों के समूह में महिलाॅए व बच्चो भी होकर गत दिनों रेगिस्तानी तुफान का सामना भी खुले मैदान में किया है । वही मप्र शासन व्दारा अपने आदिवासी मजदूरों को लाने के लिये कोई उचित प्रबंध अभी तक नही किये गये है ।

गुजरात में भी फसें है मजदूर

अचंल से बडी संख्‍या आदिवासी मजदूरी करने पलायन करते हैै जिनमेे सर्वाधिक मजदूर गुजरात जाते है इसके अतिरिक्‍त देश के विभिन्‍न कोनो में तथा प्रदेश की उत्‍तरी व पश्‍चिमी सीमाओं  से लगे विभिन्‍न राज्‍यों के शहरों में भी जिले के मजदूरों की उपस्‍थिती रहती है लेकिन शासन व्‍दारा मजदूरी पर जाने वाले मजदूरों का कोई स्‍थाई जानकारी नही है। समीपस्थ ग्राम जुलवानिया के करीब 50-60 मजदूर गुजरात के मोरबी में मजदूरी पर गये मजदूरों के भी फंसे होने का समाचार प्राप्त हूआ है मजदूरों के समूह सदस्य पतरू माॅंगू डामौर ने भी दूरभाष पर हमारे प्रतिनिधी को बताया की हम अपने घर को लौटना चाहते है हमारा कोई प्रबंधन यहाॅं पर नही किया गया है ।